High Court News: राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा की अदालत में शुरू हुई क्रिमिनल प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी. ग्रेटर नोएडा की अदालत ने जयंत चौधरी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने अगले आदेश तक सुनवाई पर रोक लगाते हुए यूपी सरकार से जवाब मांग लिया.
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दी गई है. जयंत चौधरी के वकीलों को दो हफ्ते बाद काउंटर एफिडेविट दाखिल करना होगा. हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को करेगा. अखिलेश यादव के अधिवक्ता इमरान उल्ला खां, विनीत विक्रम और मोहम्मद खालिद ने अदालत में दलीलों को रखा. दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आदेश दिया. जयंत चौधरी ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही और चार्जशीट रद्द करने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने जयंत चौधरी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे पर 20 फरवरी तक रोक लगाने का आदेश पारित किया.
आपराधिक कार्यवाही पर HC की रोक
ग्रेटर नोएडा में पिछले साल दर्ज हुई एफआईआर के खिलाफ जयंत चौधरी ने हाईकोर्ट का रुख किया था. जयंत चौधरी ने याचिका में पुलिस की दाखिल चार्जशीट को चुनौती दी थी. मामले में जयंत चौधरी, सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ भी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट पर ग्रेटर नोएडा की कोर्ट ने अब संज्ञान लिया है. जयंत चौधरी और अखिलेश यादव पर यूपी में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मामला दर्ज हुआ था. एफआईआर में अखिलेश यादव के साथ राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी समेत 14 लोग नामजद बनाए गए थे.
बड़ी संख्या में अज्ञात समर्थकों के खिलाफ भी मुकदम दर्ज हुआ था. आरोप था कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी रात करीब 11:30 बजे रथ पर सवार होकर बाहर निकले. सड़कों पर निकलकर दोनों ने समर्थकों से स्वागत कराया. मामला कोविड पांबदियों का उल्लंघन माना गया. कोरोना काल में रात 10 बजे के बाद आयोजन पर पाबंदी थी. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं समेत महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 और 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. 3 फरवरी 2022 का मामला है. गौतम बुद्ध नगर के दादरी थाने में अगले दिन एफआईआर दर्ज हुई थी.