हाईकोर्ट का आदेश, मास्क न पहनने वाले ग्राहकों को दुकानों से न मिले सामान, दफ्तरों में भी लगे बिना मास्क वालों की इंट्री पर पाबंदी
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ हो कोर्ट ने कहा कि जो ग्राहक मास्क न पहने, दुकानदार उन्हें सामान न दें.
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प्रयागराज: यूपी में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि वह इस तरह के कदम उठाए, जिससे बिना मास्क पहने हुए लोगों को किसी भी दुकान से कोई सामान न मिल सके. ग्राहकों के साथ ही दुकानदारों के लिए भी मास्क अनिवार्य किया जाए. कोर्ट ने सुझाव दिया है दुकानदार बिना मास्क पहने हुए ग्राहकों को सामान नहीं देंगे, इसके लिए उनसे अंडरटेकिंग लिया जाए. बिना मास्क वाले ग्राहकों को किसी भी कीमत पर दुकानदार कोई सामान न दें और उन्हें मना करते हुए वापस भेज दें. जो भी ग्राहक या दुकानदार बिना मास्क के दिखाई दें, उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए. उनसे जुर्माना वसूला जाए और ज़रुरत पड़ने पर केस भी दर्ज किया जाए.
मास्क को लेकर कोर्ट के निर्देश
यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने यूपी में कोविड के मामलों में लिए गए सुओ मोटो केस में सुनवाई करते हुए दिए हैं. कोर्ट ने दुकानों के साथ ही सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में भी बिना मास्क पहने लोगों की इंट्री पर पाबंदी लगाए जाने को भी कहा है. कोर्ट ने कहा है कि सभी दफ्तरों के प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि उनके दफ्तर के सारे कर्मचारी मास्क पहनकर ही रहेंगे. इसके अलावा उन्हीं बाहरी लोगों को दफ्तरों में इंट्री दी जाए जो मास्क पहनकर आएं. मामले की सुनवाई करने वाली डिवीजन बेंच ने बाज़ारों में घटिया क्वालिटी के सैनिटाइजर बेचे जाने पर भी नाराज़गी जताई है. कोर्ट ने ICMR से गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर का मानक बताने को कहा है और यूपी सरकार से मानक से नीचे के सैनिटाइजर की बिक्री पर रोक लगाए जाने की बात कही है.
रेस्टोरेंट्स पर कोर्ट की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में रेस्टोरेंट्स में बहुत ज़रूरी नहीं होने पर खाने की इज़ाज़त नहीं दिये जाने को भी कहा है. कोर्ट ने कहा है कि रेस्टोरेंट्स को पैक्ड फ़ूड ही देने चाहिए. अगर ग्राहकों को बैठने की इजाज़त दी जा रही है तो सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजेशन का ख़ास ध्यान रखा जाए. इस जनहित याचिका पर याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखने वाले हाईकोर्ट के वकील एसपीएस चौहान ने बताया कि अदालत ने प्रयागराज शहर में पार्किंग व अतिक्रमण की व्यवस्था को लेकर भी दिशा निर्देश दिए हैं. एडवोकेट एसपीएस चौहान के मुताबिक़ कोर्ट ने फुटपाथ दुकानदारों को अलग जगह निर्धारित किये जाने की भी बात कही है.
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