प्रयागराज, एबीपी गंगा। राजधानी लखनऊ में सीएए के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। इस पूरे मामले में अदातल ने स्वत: संज्ञान लेते हुये सुनवाई की है। चीफ जस्टिस गोविद माथुर ने लखनऊ के कमिश्नर व जिलाधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि किस नियम के तहत ये पोस्टर लगाये गये। रविवार को छुट्टी का दिन है लेकिन आज इस मामले की सुनवाई की जाएगी।आपको बता दें कि चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट के सुओ मोटो लेने से योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि खुद पेश होकर जवाब दें या फिर वकील के माध्यम से हलफनामे के ज़रिये भी जवाब दे सकते हैं। आपको बता दें कि छुट्टी के दिन विशेष आपात मामलों में ही सुनवाई होती है। इस मामले में कोर्ट का कहना है कि दोषी करार दिए बिना सिर्फ आरोप के आधार पर तस्वीरें लगाना गलत है।
इस मामले में सुबह 10 बजे सुनवाई होनी थी लेकिन राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई फिलहाल 3 बजे तक टल गयी है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि एडवोकेट जनरल उनका पक्ष रखेंगे। स्पेशल बेंच ने अपील स्वीकार करते हुये पांच घंटे तक का वक्त दिया। आपको बता दें कि पुलिस कमिश्नर व डीएम इस मामले में पेश नहीं हो सके थे। उनकी जगह पर डीसीपी और एडीएम कोर्ट में उपस्थित आये थे।