प्रयागराज, मो. मोईन। बिजनौर की सीजेएम अदालत में मंगलवार को हुए शूट आउट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही हाईकोर्ट ने डीजीपी समेत तमाम अफसरों को व्यक्तिगत तौर पर तलब भी किया है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि जब यूपी में अदालतें और जज सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कितनी सुरक्षित होगी। इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। अदालत ने इस मामले में चिंता जताते हुए इस घटना को निंदनीय बताया है और कहा है कि इससे कानून व्यवस्था व सुरक्षा को लेकर गलत संदेश गया है।


जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस सुनीत कुमार की डिवीजन बेंच ने इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट के साथ यूपी के गृह विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी और एडीजी लॉ एंड आर्डर के साथ ही बिजनौर के पुलिस अफसरों को 20 दिसम्बर को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। अफसरों को कोर्ट में बिजनौर शूट आउट मामले में की गई कार्रवाई की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करनी होगी। साथ ही अदालतों की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे एहतियाती कदमों की भी जानकारी देनी होगी। अफसरों को यह बताना होगा कि बिजनौर जैसी घटना दोबारा न हो इसके लिए अदालतों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किये जा रहे हैं।


अदालत इस मामले में 20 दिसम्बर को फिर से सुनवाई करेगी। अदालत ने इस मामले में बिजनौर के जिला जज की रिपोर्ट का भी संज्ञान लिया और इस मामले को पीआईएल के तौर पर सुनने का फैसला किया। डिवीजन बेंच ने बिजनौर की बार एसोसिएशन को भी अपना पक्ष रखने का सुझाव दिया है।


गौरतलब है कि बिजनौर की सीजेएम कोर्ट में मंगलवार को कुछ हमलावरों ने एक आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी। कोर्ट रूम में हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में सीजेएम को किसी तरह भागकर अपनी जान बचानी पड़ी थी।