Prayagraj News: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी मामले (Mahant Narendra Giri suicide Case) में कल का दिन अहम रहनेवाला है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से 9 सितंबर को मुख्य आरोपी आनंद गिरि की जमानत अर्जी (Anand Giri Bail Application) पर फैसला आएगा. जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच शाम पौने चार बजे फैसला सुनाएगी. आनंद गिरि इन दिनों यूपी की चित्रकूट जेल में बंद हैं. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट की बुनियाद पर आनंद गिरि की गिरफ्तारी हुई थी. आनंद गिरि के खिलाफ मामले में नामजद एफआईआर दर्ज हुई थी.
महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघंबरी मठ में लटका हुआ पाया गया था
महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के बाघंबरी मठ (Baghambari Math) में पिछले साल 20 सितंबर को फंदे पर लटका हुआ पाया गया था. घटना के कुछ देर बाद ही हरिद्वार (Haridwar) से आनंद गिरि की गिरफ्तारी हुई थी और ट्रांजिट रिमांड पर प्रयागराज लाया गया था. आनंद गिरि 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं. इस साल 18 अगस्त को आनंद गिरि को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल शिफ्ट कर दिया गया था. आनंद गिरि अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल कर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है.
आनंद गिरि समेत तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट है दाखिल
खुदकुशी मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई (CBI) ने की थी. सीबीआई ने आनंद गिरि समेत 3 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आनंद गिरि ने पिछले साल दिसंबर महीने में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था और खुद को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिए जाने की अपील की थी. अदालत में बहस के दौरान सीबीआई और यूपी सरकार ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी का विरोध किया. आनंद गिरि की तरफ से दलील दी गई कि सीबीआई को पुख्ता सबूत नहीं मिला है.
सिर्फ शक के आधार पर नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम लिखा था. आनंद गिरि घटना के पिछले 6 महीने से प्रयागराज कभी आए ही नहीं थे. फोन और सोशल मीडिया के जरिए भी गुरु महंत नरेंद्र गिरि से संपर्क नहीं होता था. ऐसे में आनंद गिरि पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. मामले में एफआईआर कराने वाले महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य स्वामी अमर गिरि और पवन महाराज ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि पुलिस को सिर्फ मौखिक सूचना दी गई थी.
10 सितंबर को पहली बरसी पर कार्यक्रम में जुटेंगे सैकड़ों लोग
लिखित तौर पर किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की थी. पुलिस ने अपनी तरफ से उनके नाम एफआईआर दर्ज की है और अपनी एफआईआर को वापस लेना चाहते हैं. अब देखना होगा कि अदालत का फैसला क्या कुछ आता है. आनंद गिरि को बेल मिल जाएगी या फिर अभी जेल में ही रहना होगा. परसों यानी 10 सितंबर को ही महंत नरेंद्र गिरि की पहली बरसी है. पहली बरसी पर प्रयागराज के बाघंबरी मठ में बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम में देश भर से सैकड़ों लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है.