ज्ञानवापी परिसर में भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना की मांग को लेकर वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट आज सुनवाई करेगा. वाराणसी की जिला अदालत ने भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना की मांग के लिए दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. इस फैसले को ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. 


कौन हैं याचिकाकर्ता


वाराणसी की महिला वकील अनुष्का तिवारी और इंदु तिवारी ने वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में आदि विश्वेश्वर की नियमित पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने का मुकदमा दाखिल किया था. याचिकाकर्ताओं ने पक्षकारों को नोटिस दिए बिना अर्जेंट बेसिस पर इस मामले की सुनवाई किए जाने की अपील की थी. वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन ने दो अगस्त को अनुष्का तिवारी की इस अर्जी को अर्जेंट बेसिस पर सुनने से मना कर दिया था. उनके इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती गई है. हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. 


वाराणसी की अदालत का फैसला


इस सिविल सूट में दाखिल 80 सी के प्रार्थना पत्र को सिविल जज ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस मामले की तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, जबकि दो अन्य सिविल सूट में उन्होंने इसी प्रकार की याचिकाएं स्वीकार की हैं. सिविल जज के इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. 


याचिका में कहा गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पुराने मंदिर परिसर में याचिकों को भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक आदि करने से राज्य सरकार रोक रही है. सरकार ने पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया है, जबकि हिंदुओं को यहां पूजा-अर्चना करने का अधिकार है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार उन्हें वहां पूजा-अर्चना करने से नहीं रोक सकती है. 


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