प्रयागराज: सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने समेत कोविड प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से कराने के लिए सड़कों पर पुलिस के मुस्तैद नहीं होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में कोर्ट कमिश्नरों से रिपोर्ट मांग ली है. यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि प्रयागराज शहर की पांच सडकों को मॉडल के तौर प्रयोग करते हुए वहां पुलिस से चेकिंग कराई जा रही है और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है. कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर चन्दन शर्मा और शुभम द्विवेदी को इस दावे को क्रास चेक कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है.


मेरठ,नोएडा में चेकिंग तेज करने को कहा


कोर्ट ने यूपी सरकार को गौतमबुद्ध नगर और मेरठ जैसे कोरोना से ज़्यादा प्रभावित शहरों में कोविड के संक्रमण को कम करने के लिए सड़कों पर अलग से पुलिस की तैनाती के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि हाईकोर्ट पहले ही थाना स्तरों पर पुलिस की अलग टास्क फ़ोर्स गठित करने के निर्देश दे चुका है. प्रयागराज में इस पर अमल भी किया गया था, लेकिन यह कवायद थोड़े ही दिनों में ठंडे बस्ते में चली गई थी. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने पर होने वाले चालान के पैसे का इस्तेमाल कोविड संक्रमण नियंत्रण के लिए किया जाय.


स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सेवा लेने पर सवाल


यूपी में कोविड मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने संगम नगरी प्रयागराज में विकास प्राधिकरण और नगर निगम के रहते शहर के विकास व सुन्दरीकरण के लिए प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सेवा लेने के औचित्य पर सवाल उठाया है और जानकारी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि जब प्राधिकरण व नगर निगम है तो स्मार्ट सिटी लि से शौचालय बनवाना समझ से परे है. कोर्ट ने कहा कि क्या शहर में विभिन्न स्थल पर बन रहे शौचालय, पीडीए के मास्टर प्लान के अनुसार बनाये जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि शौचालय छोटे बने और शहर का सुन्दरीकरण हो, न कि सुन्दरता नष्ट कर दी जाय.


कोर्ट ने पीडीए व नगर निगम से सिविल लाइन्स की दुकानों, होटल ,रैस्टोरेंट आदि के नक्शा का पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया है और कहा है कि देखें जिन नक्शों में पार्किंग है, उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है. अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल का दूसरा गेट 10 दिसंबर तक चालू हो जायेगा. फंड की कमी आड़े आ रही है. इस पर कोर्ट ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अध्ययन को 3 दिन में फंड मुहैया कराने का निर्देश दिया है.


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