प्रयागराज: लव जेहाद के मामलों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में लाए गए धर्मांतरण कानून को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने के लिये चार हफ्ते का वक्त मांगा है. वहीं, जवाब दाखिल होने के बाद याचिकाकर्ताओं को एक हफ्ते में अपना पक्ष रखना होगा. 


धर्मांतरण कानून को दी गई चुनौती


अब दो अगस्त को इस मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि, दो अलग-अलग याचिकाओं के जरिए धर्मांतरण कानून को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में आज इसकी सुनवाई हुई.  चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.


एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव संस्था व एक अन्य ने इस कानून को लेकर याचिका दाखिल की है. याचिकाओं में धर्मांतरण कानून को संविधान के खिलाफ और सिर्फ सियासी फायदा लेने के लिए उठाया गया कदम बताया गया. साथ ही याचिका में यह भी कहा गया कि इससे एक वर्ग विशेष के लोगों का उत्पीड़न किया जा सकता है.


याचिका में दुरुपयोग की आशंका जताई गई


याचिका के जरिए धर्मांतरण कानून के दुरुपयोग की भी आशंका जताई गई है. आज की सुनवाई में हाईकोर्ट ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली चार पुरानी याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा, अध्यादेश जब कानून बन चुका है तो पुरानी याचिकाओं पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली चारों याचिकाओं में संशोधन की अर्जी नामंजूर कर दी है.


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