Prayagraj: विदेशी जमातियों को छिपने में मददगार रहे प्रोफ़ेसर भेजे गए जेल, महिलाओं की बैरक में रहेंगे कैद
Prayagraj: विदेशी जमातियों को छिपने में मददगार रहे इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मोहम्मद शाहिद जेल भेजे गए हैं। वे महिलाओं की बैरक में कैद रहेंगे।
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। प्रयागराज में जमात में शामिल होने की जानकारी छिपाने और विदेशी जमातियों को छिपकर रहने में मदद करने के आरोपी इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर को गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया है। यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर मोहम्मद शाहिद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। प्रोफ़ेसर के साथ ही 16 विदेशियों समेत 18 अन्य जमाती व उनके 11 दूसरे मददगार भी जेल भेजे गए हैं। जिन विदेशियों को जेल भेजा गया है, उनमें सात इंडोनेशिया और नौ थाईलैंड के रहने वाले हैं। इन सभी को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल की महिला सेल की एक अलग बैरक में रखा गया है। विदेशी जमातियों में इंडोनेशिया का एक कोरोना संक्रमित पाया गया था। बहरहाल, कोविड हॉस्पिटल में इलाज के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया था।
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मोहम्मद शाहिद पिछले महीने नई दिल्ली में हुई जमात में शामिल हुए थे। जमात से लौटने के बाद वह कई दिन यूनिवर्सिटी गए थे। दो दिन में उन्होंने तकरीबन साढ़े तीन सौ स्टूडेंट्स का इम्तिहान लिया था। इसके अलावा वह कई शिक्षकों - कर्मचारियों व बाहरी लोगों से भी मिले थे। सरकार और प्रशासन की अपील के बावजूद प्रोफ़ेसर शाहिद ने जमात में शामिल होने की बात छिपाकर रखी थी। उन्हें आठ अप्रैल की रात को पुलिस ने घर से पकड़कर क्वारंटीन सेंटर भेजा था। प्रोफ़ेसर ने ही इंडोनेशिया से आए आठ विदेशी समेत नौ जमातियों को प्रयागराज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिपकर रहने में मदद की थी। उनकी सिफारिश पर ही इन नौ जमातियों को मस्जिद में जगह मिली थी। ये जमाती 22 मार्च को ट्रेन से प्रयागराज पहुंचे थे और मस्जिद में छिपकर रह रहे थे। पुलिस ने इन्हें 31 मार्च को पकड़ा था। इसी के साथ थाईलैंड से आए नौ जमाती करेली इलाके की एक मस्जिद में अलग छिपकर रह रहे थे। इन्हें तीन अप्रैल को ढूंढा गया था।
प्रयागराज पुलिस ने इलाज से ठीक हुए और क्वारंटीन की अवधि पूरी होने के बाद सभी 30 लोगों को देर रात गिरफ्तार किया था। सभी को करेली इलाके के एक गेस्ट हाउस में रखा गया था। यहां से मजिस्ट्रेट का रिमांड मिलने के बाद सभी को शाम करीब साढ़े पांच बजे ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया। जेल भेजे जाने के दौरान किसी भी आरोपी ने मीडिया से बात नहीं की।
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