Allahabad: सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पढ़ेंगे अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र, नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में बदलाव
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डिफेंस स्टडीज की शिक्षा दी जाएगी जिसका मकसद युवाओं को रोजगार देना है. पाठ्यक्रम में यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है.
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UP News: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) के छात्र अब युद्ध के नए तौर-तरीकों से भी रूबरू हो सकेंगे. छात्रों को अब त्रेतायुग में भगवान राम (Lord Ram) और रावण (Ravana) की सेनाओं के बीच हुए युद्ध से लेकर मौजूदा समय में होने वाली सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) और प्रॉक्सी वार (Proxy War) के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. पाठ्यक्रम में यह बदलाव नए सेशन से शुरू होगा. इसका मकसद छात्रों को डिफेंस स्टडीज (Defense Studies) की ऐसी शिक्षा देना है, जिसे हासिल कर वे रोजगार पा सकें. इसके साथ ही देश की सुरक्षा को लेकर जागरूक हो सकें. पाठ्यक्रम में यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है. इन बदलावों को लेकर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे छात्र भी बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं.
अंग्रेजों के खिलाफ किए गए संघर्षों को भी पढ़ेंगे छात्र
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को देश की यूनिवर्सिटीज़ में डिफेंस स्टडीज के बड़े सेंटर के तौर पर जाना जाता है. यहां से डिग्री लेने वाले तमाम छात्र हर साल सेना में भर्ती होते हैं. यूनिवर्सिटी ने अपने यहां के कोर्स को अब और रोजगार परक बनाने का फैसला किया है. इसके लिए स्नातक और परास्नातक कोर्स के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है. यहां के छात्र अब रामायण और महाभारत कालीन युद्ध की नीतियों,हथियारों, सिद्धांतों और दूसरी जानकारियों के बारे में तो पढ़ाई करेंगे ही, इसके साथ ही मुगलकालीन और अंग्रेजो के खिलाफ हुए संघर्षों को भी पढ़ेंगे. इसके साथ ही छात्रों को सर्जिकल स्ट्राइक और प्रॉक्सी वार के बारे में भी पढ़ाया जाएगा.
डिफेंस स्टडीज की एचओडी ने दी यह जानकारी
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डिफेंस स्टडीज एंड स्ट्रैटेजिकल साइंस डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. भारती दास के मुताबिक दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के युद्ध को लेकर नियम अब बदल गए हैं. कोई भी देश अब दूसरे मुल्क के खिलाफ सीधे तौर पर हमला नहीं कर सकता. कभी आतंकवाद के नाम पर तो कभी दूसरे नाम पर अब छद्म युद्ध लड़ा जाता है. कारगिल युद्ध और सर्जिकल स्ट्राइक इन्हीं में शामिल है. इसके जरिए जहां देश अपनी ताकत दिखाते हैं, वहीं अपने यहां के नागरिकों को सुरक्षित होने का भरोसा भी दिलाते हैं. छात्रों को इन नए तौर-तरीकों से रूबरू होना बेहद जरूरी है. इससे छात्रों को दोहरा फायदा होगा. एक तरफ जहां वह रोजगार पा सकेंगे, वहीं देश की सुरक्षा को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक भी हो सकेंगे. उनके मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक के घटना भी एक तरह का अघोषित युद्ध ही है. हालांकि त्रेता युग में हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका का जो दहन किया था, वह भी उस वक्त की सर्जिकल स्ट्राइक की तरह ही थी. यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल ने संशोधित पाठ्यक्रम को अपनी मंजूरी दे दी है.
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