प्रयागराज, एबीपी गंगा। विदेशी जमातियों को प्रयागराज की मस्जिद में छिपाने के आरोपी इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मोहम्मद शाहिद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रोफ़ेसर और उनके साथ गिरफ्तार किये गए सोलह विदेशी जमातियों समेत तीस लोगों को अब दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इन सभी को शहर से दूर मध्य प्रदेश बार्डर के नजदीक गौहनिया इलाके की अस्थाई जेल में शिफ्ट किया गया है। यह अस्थाई जेल एक प्राइवेट स्कूल में तैयार की गई है। यहां प्रोफ़ेसर और सोलह विदेशी जमातियों के साथ ही सभी तीस लोगों के खाने और उनकी मेडिकल जांच किये जाने के इंतजाम किये गए हैं। इस अस्थाई जेल में आंतरिक सुरक्षा की ज़िम्मेदारी जेल के कर्मचारियों के ज़िम्मे होगी, जबकि बाहर की सुरक्षा की कमान यूपी पुलिस संभालेगी।


दरअसल प्रोफ़ेसर ने जिन सात इंडोनेशियाई जमातियों को मस्जिद में छिपने में मदद की थी, उनमे से एक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि इलाज के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया था, लेकिन इन सभी को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल भेजे जाने के बाद वहां के कैदी और स्टाफ संक्रमण की आशंका से डर गए थे। इसी वजह से प्रोफ़ेसर और विदेशी जमातियों के साथ ही उनके मददगार रहे लोगों को अस्थाई जेल में शिफ्ट कर दिया गया। प्रोफ़ेसर के साथ जिन सोलह विदेशियों की भी जेल बदली गई है, उनमे सात इंडोनेशियाई और नौ थाईलैंड के जमाती है।



प्रयागराज के गौहनिया इलाके के प्राइवेट स्कूल में तैयार कराई गई जेल को कल ही बड़े अफसरों ने खुद अपनी निगरानी में तैयार कराया था। प्रयागराज ज़ोन के एडीजी प्रेम प्रकाश और रेंज के आईजी पुलिस केपी सिंह ने कल इस जगह का मुआयना कर मातहतों को ज़रूरी हिदायत दी थी। प्रोफ़ेसर पर जहां कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है तो वहीं अब इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी भी उनके निलंबन की तैयारियों में जुट गई है।