प्रयागराज: मस्जिद में लाउडस्पीकर से अज़ान दिए जाने पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो संगीता श्रीवास्तव ने एतराज जताया है. वीसी संगीता श्रीवास्तव ने सिर्फ एतराज ही नहीं जताया है, बल्कि इसे लेकर पुलिस और प्रशासन के तमाम अफसरों से लिखित तौर पर शिकायत भी की है. उन्होंने सरकारी अमले को भेजे गए अपने शिकायती पत्र में साफ़ तौर पर कहा है कि घर के नज़दीक की मस्जिद से सुबह के वक़्त अज़ान होने से लाउडस्पीकर की आवाज़ उनके घर तक आती है. अज़ान की आवाज़ से उनकी नींद में खलल पड़ता है और वह ठीक से सो नहीं पाती हैं.
अपनी चिट्ठी में उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि जल्द ही रमज़ान का महीना शुरू होने वाला है. रमज़ान शुरू होते ही पूरे एक महीने तक भोर में ही मस्जिद से लाउडस्पीकर से एनाउंसमेंट किया जाएगा. देर तक एनाउंसमेंट होने पर उनकी नींद और प्रभावित होगी. अपने शिकायती पत्र में प्रोफ़ेसर संगीता श्रीवास्तव ने अफसरों से इस मामले में दखल देकर उचित कार्रवाई किये जाने की भी मांग की है. लेटर में उन्होंने बीएसपी सांसद अफ़ज़ाल अंसारी द्वारा दाखिल की गई पीआईएल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है और इसी आधार पर कार्रवाई किये जाने की अपेक्षा की है. हालांकि चिट्ठी में उन्होंने साफ़ किया है कि यह शिकायत वह जाति-धर्म की किसी भावना से ग्रसित होकर नहीं कर रही हैं.
प्रयागराज के डीएम भानु चंद गोस्वामी के नाम लिखे गए इस शिकायती पत्र की कॉपी उन्होंने कमिश्नर संजय गोयल, आईजी पुलिस केपी सिंह और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को भी भेजी है. मस्जिद से होने वाली अज़ान से नींद में खलल पड़ने की शिकायत की महिला वाइस चांसलर की चिठ्ठी सामने आने के बाद प्रयागराज में हड़कंप मच गया है. बता दें कि प्रोफ़ेसर संगीता श्रीवास्तव के पति जस्टिस विक्रमनाथ गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं.
संगीता श्रीवास्तव क्लाइव रोड पर स्थित अपने निजी बंगले में रहती हैं
दरअसल, प्रोफ़ेसर संगीता श्रीवास्तव यूनिवर्सिटी से आवंटित सरकारी बंगले के बजाय प्रयागराज शहर के पाश इलाके सिविल लाइंस में क्लाइव रोड पर स्थित अपने निजी बंगले में रहती हैं. उनके बंगले से तकरीबन डेढ़ सौ से दो सौ मीटर की दूरी पर एक मस्जिद है. कानपुर रोड पर स्थित इस मस्जिद को लोग मस्जिद-ए-यूसुफ़ी या लाल मस्जिद के नाम से जानते हैं. मस्जिद की मीनार पर पहले चार लाउडस्पीकर लगे थे. चारों स्पीकर का मुंह अलग-अलग दिशाओं में था. एरियल डिस्टेंस तकरीबन सौ मीटर होने से सुबह के सन्नाटे में लाउडस्पीकर से होने वाली अज़ान तेज़ आवाज़ में वीसी संगीता श्रीवास्तव के घर तक पहुंचती थी.
वीसी इन दिनों छुट्टी पर प्रयागराज से बाहर हैं. उनसे मोबाइल फोन पर भी संपर्क नहीं हो सका. हालांकि बंगले की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बृजेश सिंह और सिक्योरिटी गार्ड राम किशोर पाल ने भी इस बात की तस्दीक की कि सुबह के वक़्त मस्जिद से होने वाली अज़ान की आवाज़ इतनी तेज़ आती है कि हकीकत में नींद खुल जाती है. दोनों ने वीसी संगीता श्रीवास्तव के बयान पर सहमति जताते हुए उस पर अपनी मुहर लगाई. दूसरी तरफ वीसी की चिट्ठी मिलने के बाद सरकारी अमला भी हरकत में आ गया है. इस बारे में प्रयागराज रेंज के आईजी पुलिस केपी सिंह का कहना है कि वीसी की शिकायती चिट्ठी मिलने के मामले में जांच कर उचित कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस मामले में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण क़ानून के साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से आए आदेशों का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा.
वीसी की चिट्ठी पर मचा कोहराम थम सकता है
मीडिया में यह मामला आने के बाद प्रयागराज की लाल मस्जिद कमेटी ने किसी तरह की कार्रवाई से पहले ही वीसी संगीता श्रीवास्तव की शिकायत दूर करने के लिए खुद ही पहल कर ली है. पहले मस्जिद की मीनार पर लगे चार लाउडस्पीकर्स की संख्या घटाकर दो कर दी गई. इसके बाद स्पीकर्स का मुंह वीसी के बंगले की तरफ से हटाकर दूसरी तरफ कर दिया गया. इसके साथ ही यह फैसला भी किया गया कि सिर्फ सुबह की ही नहीं बल्कि पांचों वक़्त की अज़ान अब पचास फीसदी वॉल्यूम के साथ ही की जाएगी. यानी पहले जितनी आवाज़ से लाउडस्पीकर बजाया जाता था, वह अब आधा कर दिया जाएगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि लाउडस्पीकर और वॉल्यूम आधा किये जाने के बाद अज़ान के वक़्त होने वाली आवाज़ का शोर अब घटकर एक चौथाई रह जाएगा.
मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों का कहना है कि यह पहल उन्होंने सामाजिक सदभाव बनाए रखने और गंगा जमनी तहजीब की मिसाल पेश करने के लिए की है. कमेटी के लोगों का कहना है कि अगर प्रोफ़ेसर संगीता श्रीवास्तव अफसरों से शिकायत करने के बजाय खुद उन्ही को नींद में खलल पड़ने की बात बता देतीं तो वह लोग उनकी बातों का सम्मान करते हुए यह कदम पहले ही उठा लेते. बहरहाल उम्मीद जताई जा रही है कि मस्जिद कमेटी की पहल से वीसी की चिट्ठी पर मचा कोहराम थम सकता है.
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