लखनऊ. यूपी में एक तरफ जहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के अधिकारियों पर ही महिला उत्पीड़न के आरोप लग रहे हैं. जी हां, पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक संजय कुमार वरनवाल के खिलाफ झांसी की मंडलीय सलाहकार द्वारा लगाए गए लैंगिक उत्पीड़न के आरोप सही पाए गए हैं. इस मामले की जांच कर रही कमेटी ने आरोपी उपनिदेशक पर कार्रवाई की सिफारिश की और रिपोर्ट शासन को भेजी है. हालांकि, पंचायती राज के प्रमुख सचिव ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रमुख सचिव पंचायती राज अपने दोषी अधिकारी को क्यों बचा रहे हैं ये समझ से परे है.


पांच महीने पुराना है मामला
ये मामला करीब पांच महीने पुराना है. झांसी मंडल कार्यालय में बतौर मंडलीय सलाहकार तैनात रही युवती ने अपने साथ उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पीड़िता ने इसकी शिकायत इसी साल 25 मई को पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह से की थी. शिकायत मिलने के बाद दो जून को शासन के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई. कमेटी में पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह, विशेष सचिव पंचायती राज रमाशंकर मौर्य, अपर निदेशक राजकुमार, नंदिनी जैन संयुक्त निदेशक एवं एनजीओ संचालक रमा तिवारी को शामिल किया गया.


कमेटी की रिपोर्ट में सही मिले आरोप
कमेटी की रिपोर्ट में उपनिदेशक के खिलाफ आरोपी सही पाए गए. इसके लिए कमेटी ने उपनिदेशक पर कार्रवाई की सिफारिश की और रिपोर्ट प्रमुख सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह को भेज दी. अब यह रिपोर्ट प्रमुख सचिव के दफ्तर में धूल फांक रही है. प्रमुख सचिव मिशन शक्ति के तहत महिला सुरक्षा के लिए प्रदेश भर में अभियान चला रहे हैं. हालांकि वह अपने विभाग की पीडि़त महिलाओं को न्याय नहीं दे पा रहे हैं.


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