Almora Fire News: अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग अब धीरे-धीरे मानव जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है. बीते दिनों आग बुझाने के दौरान चार वनकर्मियों की जलकर मौत हो गई. वन कर्मचारियों की मौत के बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मुआवजे का मलहम जरूर लगा दिया है लेकिन सवाल अब भी बरकरार है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है और जंगल में लगी आग पर काबू पाया जाएगा.  


अल्मोड़ा इन दिनों जंगल में लगी आग से धधक रहा है.  बता दें कि बीती शाम अल्मोड़ा में जंगल की आग बुझाने गए फॉरेस्ट के 4 कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कर्मचारियों की मौत के बाद वन विभाग के तमाम अधिकारी घटना स्थल पहुंचे. राज्य सरकार की तरफ से आनन-मुआवजे की घोषणा की गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कर्मचारियों के लिए 10-10 लाख की घोषणा की है. उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्मेंट और आईएफएससी संगठन ने भी एक दिन का अपना वेतन इन कर्मचारियों के लिए दान करने की बात कही है.


आग से निपटने कब बनेगी ठोस रणनीति
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जंगल में लगने वाली आग को बुझा पाने में फॉरेस्ट डिपार्मेंट इतना पीछे क्यों है. एक बार फिर से जंगल की आग बुझाने के लिए सेवा के हेलीकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ रही है. अभी तक ऐसा कोई मेकैनिज्म उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट नहीं तैयार कर पाया है जिससे जंगलों की आग पर तुरंत काबू पाया जा सके.


उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग से अब तक 10 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है. उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन वन विभाग आग पर काबू पाने में नाकाम साबित रहा है. एबीपी लाइव ने उत्तराखंड वन विभाग के धनंजय मोहन सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि वह खुद अल्मोड़ा जा रहे हैं. इस घटना की जानकारी लेंगे.


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