Almora: पूर्व सीएम हरीश रावत अल्मोड़ा में बीजेपी के खिलाफ धरने पर बैठे, शिल्पकारों के अपमान का लगाया आरोप
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने बीजेपी के खिलाफ अल्मोड़ा में धरना दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान के निर्माण को रोक दिया है.
Uttarakhand News: अल्मोड़ा (Almora) जिले के गरुड़ाबांज में स्थित मुंशी हरिप्रसाद टम्टा (Munshi Hari Prasad Tamta) पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान का निर्माण कार्य बीजेपी सरकार द्वारा रोके जाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निर्माण स्थल पर धरना दिया. इस दौरान उनके साथ पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा (Pradeep Tamta), जागेश्वर के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल (Govind Singh Kunjwal), अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) समेत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बीजेपी पर हरीश रावत ने लगाए ये आरोप
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार को 6 साल पूरे हो गए हैं, इन 6 सालों में बीजेपी की सरकार किस तरह का प्रदेश में विकास कर रही है, इसका जीता जागता उदाहरण यहां का मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान है. उन्होंने कहा कि मुंशी प्रसाद टम्टा ने समाज के तमाम शिल्पियों को एक जुटकर उनको शिल्पकार नाम दिया था. ऐसे शख्स के नाम पर कांग्रेस सरकार ने यहां संस्थान बनाने की शरूआत की लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद इस संस्थान का निर्माण कार्य आधे में ही रोक दिया गया जो कि शिल्पकार समाज का अपमान है. उन्होंने कहा कि अगर यह संस्थान अभी शुरू हो जाता तो, अब तक यहां 10 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता.
कांग्रेस सरकार के समय मिली थी मंजूरी- हरीश रावत
वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान निर्माण को स्वीकृति मिली थी लेकिन बीजपा सरकार ने कार्य को रोक दिया. इसके निर्माण का उद्देश्य स्थानीय हस्तशिल्प और कला को बढ़ावा देना है ताकि परंपरागत शिल्प को बचाया जा सके. इससे स्वरोजगार तो बढ़ता ही वहीं पहाड़ी क्षेत्र से हो रहा पलायन भी रुकता. इसके निर्माण में करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा चुके हैं. डबल इंजन की सरकार क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांगों की अनदेखी कर रही है जिस कारण मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है.
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