अल्मोड़ा के स्कूल में जर्मन भाषा लिखना-बोलना सीख रहे बच्चे, Germany से आई हैं मैडम कारमेन
Uttarakhand News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक स्कूल बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ जर्मन भाषा भी सिखा रहा है. जर्मनी से आई शिक्षिका कारमेन बच्चों को जर्मन भाषा बोलना और लिखना सिखा रही हैं.
Almora News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित एक स्कूल ऐसा भी हैं जो हिंदी,अंग्रेजी के साथ साथ बच्चों को जर्मन भाषा भी सिखा रहा हैं. इस स्कूल में जर्मनी से आई शिक्षिका कारमेन बच्चों को जर्मन भाषा बोलना और लिखना सिखा रही है. बच्चे भी जर्मन भाषा को सीखने में काफी रुचि ले रहे हैं, कुछ बच्चे तो जर्मन भाषा को सीखने और बोलने लगे हैं. विद्यालय का उद्देश्य बच्चों को विभिन्न देशों की भाषाओं को सिखाना है ताकि ये बच्चे भविष्य में जर्मनी समेत तमाम देशों में जाकर पढ़ाई और नौकरी कर सकें.
बच्चों को जर्मन सिखाने वाली कारमेन ने बताया कि मुझे बहुत गर्व है कि मुझे भारत में आकर बच्चों को जर्मन भाषा सिखाने का अवसर मिला है. अगर बच्चे अच्छी तरफ से जर्मन भाषा सीख लेते हैं, तो उनको कई नए अवसर मिल सकते हैं. उन्होंने बताया कि जर्मन भाषा को यूरोप की सबसे बोली जाने वाली भाषा माना जाता है. पूरे विश्व में लगभग 15.5 मिलीयन लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन जर्मन भाषा को विदेशी भाषा के रूप में सिख रहें हैं.
जर्मन भाषा सीखने के फायदे
जर्मन भाषा सिखाने वाले छात्र रेयांश ने बताया कि दो महीने पहले जर्मन से आई मैडम ने हमें जर्मन भाषा सिखाना शुरू किया हैं. पहले दिन मैडम ने जर्मन भाषा से जुड़े कुछ शब्दों को याद करने के लिए दिया था और जर्मन भाषा सीखने के फायदे भी बताए थें. हमने पिछले दो महीने में जर्मन भाषा की बेसिक शिक्षा हासिल कर रहे हैं, और हमें जर्मन सीखने में मजा भी आ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर हम जर्मन भाषा को अच्छी तरफ से सीख लेंगे तो जर्मनी समेत यूरोप के कई देशों में शिक्षा और नौकरी के कई अवसरों का लाभ उठा सकते हैं.
3 महीने में जर्मन भाषा सीख रहे हैं छात्र
आपको बता दें कि दिल्ली में शिक्षा संस्थानों द्वारा विदेशी भाषा सिखाई जा रही है. लैंग्वेज इंस्टीट्यूट के संचालक लव गर्ग ने बताया कि मैं पिछले 10 वर्ष से इस समय कार्य कर रहा हूं. हम तीन महीने में बच्चों को बेसिक जर्मन भाषा सिखाते हैं,अगर बच्चा और अधिक सीखने का इच्छुक होता है तो समय बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि हर साल हजारों बच्चे जर्मन भाषा को सीख कर यूरोप में 50,000 हजार से एक लाख रुपए तक नौकरी कर रहे हैं और कुछ बच्चे तो और अधिक कमा रहे हैं.
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