Gorakhpur Alvida ki Namaz: भीषण गर्मी और तपिश के बीच पड़े रमजान के पाक माह में मुस्लिम भाइयों ने अलविदा (रमजान माह का अंतिम शुक्रवार) की नमाज अदा की. गोरखपुर (Gorakhpur) की मस्जिदों में पहुंचे मुस्लिम भाइयों ने नमाज (Namaz) के बाद कहा कि गोरखपुर हर त्‍योहार में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करता है. इस बार मुस्लिम-हिन्‍दू सभी मिलकर खुशी के साथ ईद (Eid) के त्‍योहार को मनाएंगे और एक-दूसरे से खुशियों को बांटेंगे. रमजान के एक माह पूरे होने पर चांद दिखने के दूसरे दिन ईद मनाई जाती है.


पाक मानी जाती है अलविदा की नमाज 
गोरखपुर की जामा मस्जिद समेत तमाम मस्जिदों में रमजान के पाक माह में अलविदा की नमाज मुस्लिम भाइयों ने अदा की. अलविदा यानी रमजान के माह में अंतिम शुक्रवार को पड़ने वाली अलविदा की नमाज को बहुत ही पाक माना जाता है. हर मुस्लिम भाई और रोजेदार के लिए अलविदा की नमाज का काफी महत्‍व है. गोरखपुर के मोहद्दीपुर स्थित कंकड़शाह बाबा की मजिस्‍द में मुस्लिम भाई नमाज अदा करने के लिए जुटे. उन्‍होंने यहां पर अलविदा की नमाज अदा की.


रमजान का है खास महत्व 
गोरखपुर के मानबेला के रहने वाले रोजेदार अबरार अहमद ने बताया कि मुस्लिम धर्म में रमजान के पाक माह का बहुत ही महत्‍व होता है. वो लोग एक माह तक रोजा रखते हैं. आज अलविदा यानी रमजान के माह के अंतिम शुक्रवार (जुमा) की नमाज रही है. वो लोग नमाज पढ़कर अल्‍लाह की इबादत कर उनका शुक्र अदा करते हैं. उन्‍होंने बताया कि ईद के दिन सेवई और खूब पकवान भी बनते हैं. मुस्लिमों के साथ हिन्‍दू भाई भी उन लोगों के साथ ईद की खुशियों में शामिल होकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हैं.


गंगा-जमुनी तहजीब के साथ मनाते हैं ईद
गोरखपुर के रहने वाले शहनवाज कहते हैं कि रमाजन के पाक माह का काफी महत्‍व है. 30 दिन का रमजान होता है. वो कहते हैं कि अल्‍लाह जिसे तौफीक देता है, वो उस हिसाब से खाने-पीने का इंतजाम करता है. उन्‍होंने बताया कि कुरान इसी पाक माह में नाजिर हुई थी. साल का सबसे पाक माह होता है. मंगलवार को ईद होगी. वो लोग गंगा-जमुनी तहजीब के साथ ईद मनाते हैं.


मिलकर मनाते हैं ईद
गोरखपुर के ही रहने वाले आफताब कहते हैं कि ये रमजान का माह बहुत पाक माना जाता है. ईद की तरह ही अलविदा की नमाज का भी काफी महत्‍व है. ईद भी मनाते हैं. सेवई, पुलाव, चिप्‍स और पापड़ के साथ ढेर सारे पकवान बनते हैं. वो लोग अलविदा की नमाज को बहुत पाक मानते हैं. शहाबुद्दीन अंसारी कहते हैं कि वो लोग 30 दिन रोजा रहते हैं. अलविदा की नमाज का खास महत्व है. हम सभी हिन्‍दू-मुस्लिम भाई मिलकर ईद मनाते हैं.


यहां अमन-चैन कायम रहता है
गोरखपुर के मोहद्दीपुर की आस्‍ताना कंकड़शाह मस्जिदे बिलाल के ईमाम मौलाना इम्तियाज अहमद ने बताया कि आज अलविदा की नमाज अदा की गई है. रमजान के पाक माह में अंतिम जुमे को बेशुमार अज्‍मतों के साथ अलविदा की नमाज अदा की जाती है. रमजान मुबारक जुमतुल विदा को सबसे पाक जुमा मानते हैं. इसकी अजमत को लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता है. अल्‍लाह की इबादत कर एक माह का रोजा कर रब को राजी करते हैं. रमजान के एक माह के रोजे की खुशी मनाकर गरीबों को गले लगाकर खुशियां बांटते हैं. मुख्‍यमंत्री के शहर में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर उनके आदेश को मानकर मुस्लिम-हिन्‍दू साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं. यहां सड़क के एक ओर मस्जिद तो दूसरी ओर मंदिर है. यहां अमन-चैन कायम रहता है.


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