(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव को फिल्मी दुनिया और उद्योग जगत के करीब ले गए थे अमर सिंह
UP Politics: सपा ने सबसे पहले अमर सिंह को अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था. दिग्गज समाजवादी नेता मधुकर दिघे को हटाकर उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद अमर सिंह सपा में नंबर दो बन बैठे थे.
लखनऊ: मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने चार अक्तूबर 1992 को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गठन किया था. समाजवादी राजनीति करने वाले कुछ नेता उनके साथ थे. समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद मुलायम सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) से गठबंधन कर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी. यह सरकार लखनऊ में जो जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद गिर गई थी. इसी दौरान अमर सिंह (Amar Singh) की समाजवादी पार्टी में एंट्री हुई थी. समाजवादी पार्टी से उनका साथ 2010 तक रहा. इस दौरान अमर सिंह सपा में नंबर दो की हैसियत से रहे. लेकिन 2010 में उन्होंने सपा से अपने सभी संबंध तोड़ लिए. अमर सिंह की 2016 में सपा में वापसी तो हुई वो धमक नहीं रही, जो 2010 से पहले हुआ करती थी.
सपा में अमर सिंह की एंट्री
समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अमर सिंह को अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था. दिग्गज समाजवादी नेता मधुकर दिघे को हटाकर अमर सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद अमर सिंह ने सीढ़ी-दर-सीढी चढते हुए पार्टी में नंबर दो की हैसियत बना ली. एक समय तो यह भी कहा जाने लगा था कि मुलायम सिंह यादव अमर सिंह के ही कहने पर चलते हैं. लेकिन अमर सिंह की आजम खान से दुश्मनी भारी पड़ गई. राजनीतिक हलके में कहा जाता है कि 2010 में आजम खां के कहने पर ही मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया था. एक बात यह भी कही जाती है कि अखिलेश यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी अमर सिंह को पसंद नहीं करते थे. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद में हुई डिंपल यादव की हार के बाद से ही सपा में अमर सिंह के खिलाफ नाराजगी बढ़ने लगी थी.
अमर सिंह ने ही समाजवादी पार्टी का सामंजस्य बॉलीवुड और उद्योग जगत से कराया था. अमिताभ बच्चन परिवार और अंबानी घराने के अनिल अंबानी से सपा की करीबी अमर सिंह के जरिए ही हुई थी. एक बार जो अमिताभ बच्चन का परिवार सपा के करीब आया वो आज तक बना हुआ है. जया बच्चन आज भी राज्य सभा सदस्य हैं.
मुलायम परिवार में फूट और अमर सिंह
अमर सिंह जोड़-तोड़ में माहिर थे. कहा जाता है कि मुलायम सिंह के कुनबे में भी उनका ही हाथ था. समाजवादी पार्टी में उठे बवंडर के बाद अखिलेश यादव ने एक बाहरी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया था. माना जाता है कि उनका इशारा अमर सिंह की ही तरफ था. उन पर बीजेपी के इशारे पर सपा में फूट डालने का आरोप लगा था. हालांकि इसका असर मुलायम सिंह यादव पर नहीं पड़ा था. यह तब दिखाई दिया था, जब उन्होंने एक जनसभा में अमर सिंह का विरोध करने वालों को डांट दिया था. उस समय मुलायम सिंह यादव ने कहा था, ''अमर सिंह ने मुझे बचाया है. वो न बचाते तो मुझे सात साल की सजा हो जाती.''
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