Amar Mani Tripathi Bail Plea Rejected: अमरमणि त्रिपाठी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. बस्ती की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अमरमणि की अर्जी खारिज करते हुए उनके लंबे आपराधिक इतिहास का हवाला दिया. जस्टिस प्रमोद कुमार ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है. 


NBW जारी होने के बावजूद कोर्ट नहीं आए अमर मणि त्रिपाठी
एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जस्टिस प्रमोद कुमार गिरि ने फैसला लेते हुए कहा कि आरोपी पर नौतनवां महराजगंज, कोतवाली गोरखपुर सहित कई थानों में कुल 36 केस दर्ज हैं. अभियुक्त के कोर्ट में पेश न होने की वजह से गैर जमानती वारंट भी जारी है. इसके बावजूद वह कोर्ट में नहीं आए. ऐसे में अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करने के योग्य नहीं रहती. 


गौरतलब है कि गैंगस्टर और किडनैपिंग केस में अमरमणि त्रिपाठी की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को संबोधित करते हपए नोटरी शपथ पत्र के साथ जमानत की अर्जी दी गई थी. इस याचिका में कहा गया था कि केस के वादी की मृत्यु हो चुकी है. 


याचिका में कही गई कई केस बंद होने की बात
शपथ पत्र में कहा गया था कि जो आपराधिक इतिहास पुलिस दिखा रही है, उनमें से ज्यादातर केस बंद हो चुके हैं. गैंगस्टर और अपहरण समेत बाकी मुकदमों में गैर जमानती वारंट जारी है, इसलिए पुलिस कभी भी अरेस्ट कर सकती है. ऐसे में अग्रिम जमानत स्वीकार किए जाने की मांग रखी गई थी. हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी है. 


पीड़ित की ओर से क्या कहा गया था?
21 जून को पीड़ित राहुल मद्धेशिया कोर्ट में खुद हाजिर हुआ था और उसकी ओर से सुलहनामा दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि उसके किडनैपिंग केस में अमरमणि त्रिपाठी की भूमिका नहीं है. राहुल का कहना था कि वह अमरमणि को जानता-पहचानता नहीं है और न कभी मिला है.


बस्ती से मोहम्मद शादाब की रिपोर्ट.


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