काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से अब एक नई पहल की गई है. 22 फरवरी 2024 वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BHU के स्वतंत्रता भवन  सभागार में कहा था कि काशी और कांची में वेदों का पाठ, एक भारत श्रेष्ठ भारत का स्वर है. भारत एक विचार है और संस्कृत इसकी मुख्य अभिव्यक्ति है . विश्वनाथ धाम एक निर्णायक दिशा देगा भारत को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगा. मंदिर प्रशासन द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश पर अब संस्कृत के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारीयों के लिए शुद्ध व  पौष्टिक  भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है .


'संस्कृत के हजारों विद्यार्थियों को मिल रहा है पौष्टिक भोजन'


 मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि - प्रधानमंत्री मोदी के दिशा निर्देश पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद द्वारा काशी के संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारीयों को 2-2 जोड़े वस्त्र, इसके अलावा विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक और वाद्य यंत्र उपलब्ध करा दिया गया है. वर्तमान कार्तिक माह में  काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की देखरेख में किचन भी शुरू हो चुका है जिसमें तकरीबन 5000 लोगों के लिए शुद्ध और पौष्टिक भोजन बनाने की क्षमता है. इसमें दक्षिण भारत की एक संस्था कोईलुर मठ का भी सहयोग है. दिनांक 20 अक्टूबर से काशी के संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों, शिक्षको और कर्मचारियों के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.


'काशी विश्वनाथ मंदिर में दो किचन'
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से 9 अप्रैल से काशी के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हो रहे दूर दराज के मरीजों के परिजनों को भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. काशी विश्वनाथ मंदिर में भोजन बनाने के लिए प्रमुख तौर पर दो किचन स्थापित हैं, जिसमें एक की क्षमता 1500 और दूसरे की क्षमता 5000 लोगों के लिए भोजन बनाने की है.वर्तमान समय में 4000 लोगों के लिए भोजन बनाया जा रहा है. निश्चित ही मंदिर प्रशासन की इस पहल से काशी में इलाज कराने वाले रोगियों के परिजनों और संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों शिक्षकों व कर्मचारियों को काफी सहूलियत होगी .