UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अम्बेडकर नगर मेडिकल कॉलेज (Ambedkar Nagar Medical College) में इंजेक्शन लगाते ही त्वचा रोगी की मौत से हड़कंप मच गया. मृतक रोगी की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हैं. जिसमें उसका आरोप है कि डॉक्टर ने बाहर से लिखा गया इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसके पिता की मौत हो गयी. मृतक की बेटी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो स्वास्थ स्वास्थ प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिला अधिकारी सैमुअल पॉल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिया हैं. इसपर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दो सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है. हांलाकि लापरवाही बरतने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि मरीज को कोई इंजेक्शन दिया ही नहीं गया था.
मृतक की बेटी ने क्या कहा
पड़ोसी जनपद संतकबीर नगर से 28 मई को एक त्वचा रोगी को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था. उसकी हालत को देखते हुए उसे भर्ती किया गया था. वायरल वीडियो में मरीज की बेटी का आरोप है कि भर्ती के बाद तबीयत बिगड़ने पर न डॉक्टर आए और न स्टाफ जिसके बाद उन लोगों ने ओपीडी में डॉक्टर पंकज को दिखाया गया. उन्होंने बाहर से एक इंजेक्शन मंगवाकर लगाया जिसके बाद उसके पिता की मौत हो गयी. मृतक की बेटी ने पूरे मामले की जांच कराकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है.
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घर ले जाने का दबाव बना रहे थे
बेटी ने कहा कि मेरे पिता की तबीयत जब खराब हुई तो वह वहां मौजूद स्टाफ के आगे जाकर गिड़गिड़ाई लेकिन किसी को भी दया नहीं आई. ये लोग आपस में गपशप करने में व्यस्त थे. खुजली से किसी की मौत थोड़े होती है. वायरल वीडियो में मरीज के साथ मौजूद अन्य परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन मौत के बाद उनपर दबाव बना रहा था कि बिना किसी हो हल्ला के मरीज को लेकर घर चले जाएं.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने क्या कहा
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक ने कहा कि, मरीज जब भर्ती कराया गया तो उसकी तबीयत काफी खराब थी. उसे किसी भी प्रकार का इंजेक्शन नहीं लगाया गया था. वहां मौजूद हमारे डॉक्टर ने काफी प्रयास किया लेकिन हम उसे बचा नहीं सके. एंबुलेंस न उपलब्ध कराने की बात गलत है. शव को हमारे शव वाहन से उसके घर भेजा गया. मरीज का कोई भी परिजन शिकायत लेकर नहीं आया ना ही किसी प्रकार की शिकायत की गई है फिर भी दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है जो मामले की जांच करेगी. इलाज में किसी भी स्टाफ की लापरवाही सामने आएगी तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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