Ambedkar Nagar: तमसा नदी किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने की कवायद तेज, लोगों में मची खलबली
Ambedkar Nagar News: तमसा नदी की मुख्य धारा से दोनों तरफ सौ-सौ मीटर के दायरे को खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौती है. नदी के किनारों पर भूमाफियाओ ने स्कूल, अस्पताल और होटलों के निर्माण कर लिया है.
Ambedkar Nagar Encroachment: अम्बेडकर नगर (Ambedkar Nagar) में तमसा नदी किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने की कवायद अब तेज हो गयी है. प्रसाशन ने तमसा नदी के दोनों किनारों पर हुए अतिक्रमण (Encroachment) को हटाने की कवायद शुरू कर दी है ताकि एक बार फिर तमसा नदी (Tamsa River) अपने अस्तित्त्व में आ सके. नदी की मुख्य धारा से दोनों तरफ सौ-सौ मीटर के दायरे को खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण है क्योंकि नदी के किनारों पर अतिक्रमण करके भूमाफियाओ ने बड़े-बड़े स्कूल, अस्पताल और होटलों के निर्माण कर लिया है. प्रशासन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पूरी तैयारी में है, इसके लिए नदी के किनारों पर हुए अतिक्रमण का चिन्हांकन कराया जा रहा है.
अतिक्रमण मुक्त कराने का दिया गया था निर्देश
बीते दिनों शासन ने सभी नदियों को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया था. उसी निर्देश के तहत अकबरपुर नगर पालिका परिक्षेत्र से होकर गुजरने वाली तमसा नदी को भी अतिक्रमण मुक्त कराना है. डीएम सैमुअल पॉल एन के निर्देश पर सदर एसडीएम ने अधिशाषी अधिकारी को निर्देशित किया कि नगर पालिका परिषद परिक्षेत्र से होकर गुजरने वाली तमसा नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उन भवनों को चिन्हित करायें जो नदी किनारे अवैध ढंग से बनाये गए हैं. अधिशाषी अधिकारी बीना सिंह ने चिन्हांकन के लिए टीम गठित की. नगर पालिका और राजस्व की संयुक्त टीम ने चिन्हांकन कार्य शुरू कर दिया है.
मच गई है खलबली
अधिशाषी अधिकारी बीना सिंह ने बताया चिन्हांकन का कार्य चल रहा है और मकानों पर निशान लगाया जा रहा है. साथ ही एक रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है जो आज प्रशासन को सौंप दी जाएगी. बीना सिंह ने बताया कि नदी की मुख्यधारा से 100 मीटर दोनों तरफ लिया जा रहा है जिसका चिन्हांकन कराया जा रहा है. चिन्हांकन का कार्य शुरू होते ही नदी किनारे मकान बनाकर रहने वाले लोगों में खलबली मच गई है. लोग जगह-जगह बैठकें कर प्रशासनिक कार्रवाई में आने से बचने की राह खोज रहे हैं. नदी से अतिक्रमण हटाने के लिए अगर बुलडोजर चला तो कई लोग बेघर हो जाएंगे और यही वजह है लोग कार्रवाई से बचने के लिए प्रशासन और नेताओं के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज रहे हैं.
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