Ambedkar Nagar: घायल प्रदर्शनकारियों से मिलने जेल पहुंचे चंद्रशेखर आजाद को प्रशासन ने रोका, लौटना पड़ा वापस
Ambedkar Nagar News: अम्बेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने के विवाद को लेकर महिलाओं द्वारा प्रदर्शन के दौरान किए गए उपद्रव के बाद पुलिस द्वारा जमकर लाठियां भांजी गईं थीं.
Uttar Pradesh News: यूपी के अम्बेडकर नगर (Ambedkar Nagar) में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (National President of Azad Samaj Party Chandrashekhar Azad) गुरुवार को लाठीचार्ज में घायल प्रदर्शनकारियों और जेल में बंद लोगों से मिलने जिला कारागार पहुंचे. कारागार (Ambedkar Nagar district jail) के बाहर पहले से मौजूद प्रशासन ने उन्हें बंदियों से मिलने की अनुमति नहीं दी. अम्बेडकर नगर जनपद कारागार के मुख्य गेट पर प्रशासन ने अपनी गाड़ियों को लगाकर बैरिकेडिंग कर दी.
क्या थी विवाद की वजह
अम्बेडकर नगर के जलालपुर तहसील के वाजिद पुर कस्बे में बीते 6 नवंबर को डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने को लेकर हुए विवाद को लेकर महिलाओं द्वारा प्रदर्शन के दौरान किए गए उपद्रव के बाद पुलिस द्वारा जमकर लाठियां भांजी गईं थीं. लाठीचार्ज के बाद 6 महिलाओं सहित 7 प्रदर्शनकारियों को जेल भेज दिया गया था. उन्हीं बंदियों से मिलने पूरे लाव लश्कर के साथ जिला कारागार अम्बेडकर नगर पहुंचे आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर को बैरंग वापस लौटने पर विवश होना पड़ा.
लौट गए वापस
जिला कारागार के मुख्य गेट पर पहले से ही मौजूद पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन ने अंदर जेल में बंद बंदियों से मिलने के लिए अनुमति नहीं दी. घंटो नोक झोंक चलती रही लेकिन अंदर कैदियों से मिलने के लिए प्रशासन तैयार नहीं हुआ. आखिर में चंद्रशेखर बिना मिले ही वापस चले गए. वे वाजिदपुर दल बल के साथ चल दिए. घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात कर घटना के बारे में जानकारी ली और पीड़ितों को हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया.
लगाया ये आरोप
वहीं जेल प्रशासन पर सरकार और सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि हम जेल मैनुअल के तहत ही मिलने आए थे. पहले हमें परमिशन दी गई लेकिन जब पता चला कि भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर हैं तो प्रशासन ने मिलने से रोक दिया जिससे हम पीड़ितों से नहीं मिल सके. कानून सबके लिए होता है उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, महिलाओं पर बहुत अत्याचार हुआ है और उन पर कई कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं जिससे उनकी जमानत न हो सके.