Uttar Pradesh News: यूपी के अम्बेडकर नगर (Ambedkar Nagar) में करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी गांव के लोग एक बूंद पानी को तरस रहे हैं. अगर बात करें केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन मिशन की तो सरकार इस पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन स्थित यह है कि यह योजना अम्बेडकरनगर जिले में सिर्फ कागजों पर ही दिख रही है.


अधिकारियों के दावों के विपरीत ग्रामवासियों के हिस्से में सिर्फ मायूसी ही आ रही है. इस योजना के तहत अभी तक सरकार  करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. केंद्र सरकार ने इस योजना को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की मनमानी की वजह से योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जिले में कुल 500 से अधिक टंकियां बननी हैं, लेकिन अभी तक एक भी बन नहीं सकी है.


केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत समस्त ग्राम पंचायतों को पीने का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. इसे लोकसभा चुनाव 2024 के पहले मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता की वजह से ग्रामीणों को पानी अभी तक नसीब नहीं हो रहा है. इस योजना को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी जल निगम को मिली है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण ज्यादातर गांवों में कार्य आधा अधूरा पड़ा है. 


जहां विभाग द्वारा पाइप लाइन बिछाकर सप्लाई शुरू करने का दावा किया जा रहा है वहां भी अभी तक नल नहीं लग पाया है. तमाम ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन के लिए खुदाई का काम शुरू करने के बाद अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. ग्रामीणों इस योजना में लापरवाही की वजह से परेशान हैं. गर्मी के मौसम में नलों में पानी नहीं होने के कारण अब उन्हें पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.


जल निगम के अधिकारी ने क्या कहा
इस योजना के सम्बंध में जब जल निगम के अधिशाषी अभियंता सूरज वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि इस योजना का कार्य तेज गति से चल रहा है और समस्त ग्राम पंचायतों को आच्छादित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 580 योजनाएं हैं, 50 प्रतिशत योजनाओं में काम शुरू हो गया है, 307 ट्यूवेल बन गयी है, बाकी पर काम चल रहा है, 90 टैंक पर काम चल रहा है, मार्च 2024 तक सभी योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.


योजना के पूर्ण होने के सवाल पर अधिकारी ने खुद स्वीकार किया कि कार्य समय पर कम्प्लीट नहीं हो पायेगा. हलांकि योजना संचालित कर दिया जाएगा, क्योकि टैंक का काम 6 से 8 महीने चलता है, अभी कुछ योजनाए शासन में गयीं है, जो स्वीकृत होंगे उसके बाद उस पर काम शुरू होगा. हम टारगेट के अनुसार कार्य कर रहे हैं. मार्च 2024 तक संचालित कर देंगे. 


वहीं अधिकारी तो सिर्फ कागजों में कार्य को दर्शा रहे हैं, जबकि धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है. ग्रामीणों की समस्यायें जैसी की तैसी बनी हुई हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को उनके जिम्मेदार अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं. अगर ऐसे ही कार्य चलता रहा हो 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस योजना को पूरा होना असंभव दिख रहा है.


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