(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Election 2022: पिता या पार्टी किसके साथ जाएंगे BSP सांसद, बहुत दिलचस्प होने वाली है इस सीट पर सियासत
बसपा के सासंद रितेश पांडेय के पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय कुछ दिन पहले बसपा को छोड़कर साइकिल की सवारी कर लिए और माना जा रहा है कि वे जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.
UP Assembly Election 2022: अम्बेडकरनगर में चुनाव छठे चरण में होना है लेकिन इससे पहले यहां की सियासत इस बार दिलचस्प होने वाली है. कहीं पिता के खिलाफ पुत्र को वोट मांगना पड़ सकता है तो कहीं भाई भतीजे को हराने के लिए दांव चल सकता है. जलालपुर विधानसभा सीट पर इस बार सांसद बसपा के लिए वोट मांगेंगे तो पिता खुद साइकिल पर सवार होकर विधानसभा पहुंचने की कोशिश करेंगे. अब देखने की बात होगी कि सांसद पिता का साथ देते हैं या पार्टी के प्रति वफादारी करते हैं.
जिले के बसपा के सासंद रितेश पांडेय के पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय कुछ दिन पहले बसपा को छोड़कर इकिल की सवारी कर लिए और माना जा रहा है कि वे जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. वहीं उनके चचरे भाई और बाहुबली पूर्व विधायक पवन पांडेय के पुत्र प्रतीक पांडेय कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. अब देखने की बात होगी कि बसपा सांसद रितेश पांडेय अपने पिता राकेश पांडेय को चुनाव हराने के लिए जलालपुर में वोट मांगते है या भाई प्रतीक पांडेय को जिताने के लिए कटेहरी से वोट मांगते हैं.
सपा से विधायक बसपा से सांसद रह चुके हैं राकेश पांडेय
राकेश पांडेय की गिनती जिले के कद्दावर नेताओ में होती है. ब्राह्मण बिरादरी में उनकी अच्छी पकड़ माना जाता है. यही कारण है कि वे जिस पार्टी में जाते हैं वहीं से जीत का स्वाद चख लेते हैं. राकेश पांडेय पहली बार 2002 में सपा से चुनाव लड़कर जलालपुर से विधायक बने थे. वे 2007 में फिर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2009 लोकसभा चुनाव से पहले वे सपा छोड़कर बसपा की सवारी कर लिए और बसपा ने उन्हें टिकट दिया तो सांसद बन गये.
टिकट नहीं मिला तो सपा में चले गए
2014 लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें फिर चुनावी मैदान में उतारा लेकिन वे चुनाव हार गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे को लड़वाया और वह जीत कर सांसद बन गये लेकिन समय बदला तो सियासत भी बदली. अभी कुछ दिन पहले अपने चाहेते को टिकट न दिला पाये तो बसपा छोड़ सपा में शामिल हो गए जबकि उनके पुत्र रितेश पांडेय बसपा में सांसद हैं.
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