Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर (Ambedkarnagar) में किसानों ने खरीफ सीजन में धान की रोपाई समेत अन्य फसलों की बुआई तो कर दी है लेकिन बरसात न होने से इन फसलों को बचाए रखना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है. किसानों के सामने चुनौती तब और बढ़ गई है जब तमाम वजह से नलकूप दगा दे रहे हैं. किसानों को अपनी फसलें कुम्हलाने से बचाने और जीवित रखने के लिए नलकूपों से सिंचाई का सहारा लेना पड़ रहा है. जिन किसानों के पास निजी बोरिंग नहीं है वे ज्यादा परेशान हैं और वे भगवान भरोसे हैं.


धान की रोपाई में दिक्कत
बड़े किसानों ने नलकूपों के सहारे धान की रोपाई करा दी है, लेकिन छोटे किसानों में तमाम अभी इस उम्मीद में हैं कि बारिश हो तो धान की रोपाई करा दी जाए, कुछ किसान बारिश होने की उम्मीद छोड़कर पंपिंग सेट से भारी खर्च कर धान की रोपाई करा रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के बारिश के दावे लगातार गलत हो रहे हैं, जिन किसानों ने धान की रोपाई कर दी है, वह पंपिंग सेट से सिंचाई कर पाने में असमर्थ हैं.


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किसान ने क्या बताया
न्योतरिया निवासी रामजीत ने बताया कि, जबसे धान की रोपाई की है तब से अभी तक पंपिंग सेट से तीन बार सिंचाई कर चुके हैं. यदि बारिश नहीं हुई तो धान की फसल को बचाना मुश्किल हो जाएगा. छोटे किसानों ने अभी धान नहीं लगाया है, लेकिन ऐसे किसानों की संख्या कम है. तमाम छोटे किसानों ने बड़े किसानों की तर्ज पर कर्ज आदि लेकर धान की रोपाई तो करा दी है, लेकिन अब सिंचाई करना और रोग से फसल को बचाना उनके लिए भारी पड़ रहा है. धान की लगातार सिंचाई करनी पड़ रही है, इससे फसल की लागत बढ़ गई है. बारिश ना होने के कारण छोटे किसान अभी तक धान की रोपाई नहीं कर पाए है. 




कर रहे परेशानी का सामना
कटुई निवासी राजपत ने बताया कि, ईंजन खराब होने के कारण वे अभी तक धान की रोपाई नहीं कर पाए थे. आज वो ईंजन बनवा कर ले जा रहे हैं, अब वे इसके सहारे धान की रोपाई करेंगे. उन्होंने बताया कि लाइट भी सही से नहीं आती जिसकी वजह से खेत की सिंचाई नहीं हो पा रही है. बरसात ना होने से सभी को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


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