कार्रवाई होने के बाद आक्रोश में आए एम्बुलेंस कर्मी, सरकार को दिया अल्टीमेटम
हड़ताल कर रहे एम्बुलेंस कर्मियों को बर्खास्त करने के साथ ही उन पर FIR दर्ज कराई है. इस कार्रवाई से एम्बुलेंस कर्मी आक्रोश में आ गए हैं. सरकार ने सख्त रुख अपनाया और कार्रवाई के निर्देश दिए थे
UP Ambulance Drivers on Strike: उत्तर प्रदेश में चल रही एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल के मामले में शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. शासन की सख्ती के बाद एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी GVK EMRI ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे करीब एक दर्जन एम्बुलेंस कर्मियों को बर्खास्त करने के साथ ही उन पर FIR दर्ज कराई है. वहीं, इस कार्रवाई से एम्बुलेंस कर्मी आक्रोश में आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर आज रात 12 बजे तक सेवा बहाली नहीं हुई तो जो एम्बुलेंस चल रही हैं, उनको भी ठप किया जाएगा.
धरना प्रदर्शन कर रहे थे कर्मचारी
प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा का संचालन GVK EMRI कंपनी करती है. फिलहाल इस कंपनी के पास 102 और 108 एम्बुलेंस की जिम्मेदारी है. कुछ समय पहले इस कंपनी पास एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की भी जिम्मेदारी थी. लेकिन, बाद में सरकार ने इस सेवा के लिए दोबारा टेंडर किया तो दूसरी कंपनी को काम मिला. नई कंपनी पुराने कर्मचारियों को नहीं रखना चाहती थी. इसे लेकर कर्मचारी पिछले कुछ दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
इस बात पर अड़े कर्मचारी
26 जुलाई से एम्बुलेंस कर्मोयों ने हड़ताल की जिसके बाद उनकी शासन से वार्ता हुई. इसमें सहमति बनी की नई कंपनी पहले से कार्यरत कर्मचारियों को समायोजित करेगी. लेकिन, इस मांग के पूरा होने के बाद कर्मचारी इस बात पर अड़े हैं कि उनका वेतन बढ़ाया जाए और सरकार उन्हें अपने नियंत्रण में ले जिससे भविष्य में कंपनी बदलने पर समस्या ना हो. इस बात पर सहमति ना होने के चलते हड़ताल जारी है. वहीं, मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया और एस्मा में तहत कार्रवाई के निर्देश दिए. सरकार का रुख देख कंपनी ने 11 कर्मियों को बर्खास्त कर आशियाना थाने में FIR दर्ज कराई है. जिन पर कार्रवाई हुई उनमें एम्बुलेंस सेवा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी हैं.
प्रभावित ना हो सेवा
एम्बुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी ने बाकी कर्मचारियों को भी आज दोपहर 3 बजे तक कि डेडलाइन दी थी कि जो वापस नहीं आएगा उसे बर्खास्त किया जाएगा. ये मियाद भी पूरी हो चुकी है. अब कंपनी सभी जिलों के कर्मचारियों से वार्ता में लगी है. सूत्रों की मानें तो अंदर-अंदर कंपनी इस तैयारी में भी जुटी है कि जो कर्मचारी नहीं आते उनकी जगह दूसरों को तैनात किया जाए, जिससे सेवा प्रभावित ना हो.
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