भारत के चुनावों में अमेरिका देता है दखल? बसपा चीफ मायावती ने लगाया गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारत को दी जाने वाली मदद को रोकने के फैसले के संदर्भ में चौंकाने वाला दावा किया है.

UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत को दी जाने वाली मदद को रोकने के फैसले के बाद बड़ा दावा किया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में समीक्षा बैठक के दौरान बसपा चीफ ने कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की.
इसके बाद जारी एक बयान में बसपा चीफ ने कहा कि अमेरिका से यह ख़बर काफी चौकाने वाली है कि भारत के "वोटरों की संख्या को बढ़ाने" के नाम पर 21 मिलियन डालर की भारी भरकम धन मिलती रही है. देश के लोगों को इससे जरूर चौकन्ना हो जाना चाहिए कि कहीं यह स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव में हस्तक्षेप तो नहीं है और अगर है तो इससे किसको लाभ मिलता रहा है.
बसपा द्वारा जारी किए गए बयान में अमेरिका से भारत आ रहे लोगों का मुद्दा भी उठाया गया है. बसपा की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मायावती ने कहा- इसी सिलसिले में अमेरिका में अवैध प्रवासी बताकर सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ी व पाँव में बेड़ी डालकर लगातार घर वापस किए जाने की घटना को अति दुखद व चिन्तनीय बताते हुए.
क्या है मामला?
उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे "मित्र देश से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश आदि राज्य के रहने वाले भारतीय नागरिकों की इस अमानवीयता से घर वापसी के प्रति केन्द्र की सरकार को उचित संज्ञान लेकर इसका समाधान निकालना चाहिए.
दरअसल, अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने भारत के चुनाव से जुड़ी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे लेकर भाजपा को घेरा. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि इसकी भारत में भी जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए.उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में बीजेपी उम्मीदवारों ने जनता के बीच भारी मात्रा में पैसा बांटा, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद पर फैसलों से मायावती ने एक तीर से साधे कई निशाने?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
