अमेठी प्रशासन की अनूठी पहल, प्लास्टिक कचरे से 30 KM लंबी सड़क बनाकर बचाए लाखों
Road Construction in Amethi: अमेठी जिला प्रशासनके अनूठे नवाचार से सरकार को लाखों रुपये का फायदा हुआ है. सर्कुलर इकोनामी के कॉन्सेप्ट के तहत अमेठी के चार ब्लॉक में वेस्ट से सड़क का निर्माण किया गया.
Amethi News Today: अमेठी में जिलाधिकारी निशा अनंत और मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल की देखरेख में किया गया महत्वपूर्ण प्रयोग सफल रहा है. इसके तहत 'वेस्ट टू वेल्थ' और सर्कुलर इकोनामी के कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल कर उसका उपयोग सड़क बनाने में किया गया है. पहले चरण में यह प्रयोग सफल रहा है.
बता दें, अमेठी जनपद के 300 गावों से लगभग 15 हजार मीट्रिक टन कचरे की प्लास्टिक को इकट्ठा किया गया. इस प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कुल तीन ब्लाकों में लगभग 30 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण में किया गया है. इसके लिए प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल किया गया है और फिर उसका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया गया.
प्रशासन को 50 लाख की बचत
इस निर्माण में कचरे के वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल करने से प्रशासन को लगभग 50 लाख रुपये का फायदा हुआ है. मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने बताया कि जनपद अमेठी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रेरणा से वेस्ट टू वेल्थ और सर्कुलर इकोनामी के कांसेप्ट को फॉलो करते हुए यह अनोखा प्रयोग किया गया है.
मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल के मुताबिक, इसके लिए जिले के चार ब्लॉक के लगभग 300 गांवों से 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा किया गया, जिसको वहां के रिसोर्स रिपब्लिक सेंटर (RRC सेंटर) पर सार्ट किया गया. उन्होंने बताया इसमें 150 मीट्रिक टन ऐसा प्लास्टिक का कूड़े को छांटा गया जो सड़क निर्माण में उपयोगी था.
वेस्ट से बनाई गई 30 किमी सड़क
इस नवाचार को लेकर मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने आगे बताया कि कचरे को बहादुरपुर स्थित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में श्रेडिंग की गई. इसके बाद आरईएस डिपार्मेंट की सहायता से पीएमजीएसवाई, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत लगभग 6 रोड बनाई गई है, जिनकी लंबाई लगभग 30 किलोमीटर है.
अमेठी मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने बताया कि इस नवाचार से 45 से 50 लाख रुपये के शासकीय धन की बचत हुई है. इससे कल्चरल और साइकोलॉजिकल बदलाव आया है. वह कूड़ा जिसे आमतौर पर वेस्ट समझ कर फेंक दिया जाता था, उसे अब एक महत्वपूर्ण एसेट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
(अमेठी से लोकेश त्रिपाठी की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: UP Madarsa Act: यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओ ने किया स्वागत, जानें क्या कहा