Amethi News: अमेठी के सभी गांवो में स्वछ भारत मिशन के तहत खरीदे जा रहे ई-रिक्शा कचरा वाहनों की खरीद में बड़ा भ्रस्टाचार सामने आया है.ई रिक्शों की खरीद पर अधिकारियों की मिलीभगत से शासन द्वारा निर्धारित डेढ़ लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया जा रहा है. इन कचरा वाहनों की खरीद में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की भी बड़ी संलिप्तता सामने आई है. ई-रिक्शा खरीद में ग्राम प्रधान और सचिव का बड़ा कमीशन सेट है.मानकों को दरकिनार कर खरीदे जा रहे ये ई-रिक्शा कितने गांवो के कचरो को ढोएंगे ये भगवान भरोसे ही है.


दरअसल शासन द्वारा जिले के सभी 682 गांवों में कचरा उठाने में लिए ई-कचरा रिक्शा का सप्लाई होना है.पहले फेज में जिले के एसएलडब्लूएम द्वारा चयनित 331 गांवों में हर घर से कचरा उठाने के लिए ई- रिक्शा खरीदने का आदेश दिया गया है.शासन के आदेश के बाद अमेठी के ही एक ठेकेदार की फर्म सनशाइन टेक्नोलॉजी द्वारा जिले में सबसे ज्यादा ई-रिक्शा की सप्लाई की जा रही है.ठेकेदार द्वारा इन रिक्शो को बाहर से न मंगाकर अमेठी में ही असेम्बल किया जा रहा है और इन मानक रहित ई रिक्शा को गांव-गांव भेजा जा रहा है.


ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी का कमीशन सेट
शासन द्वारा इन ई-रिक्शा को खरीदने के लिए डेढ़ लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन शासन के आदेशों को दरकिनार कर जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारी 1 लाख 65 हजार रुपए का भुगतान कर रहे है. बिना किसी रजिस्टर्ड फर्म के ठेकेदार द्वारा धड़ल्ले से इन ई-रिक्शा का निर्माण कर गांवो तक पहुँचाया जा रहा है. वहीं एक गाड़ी पर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को 50 से 60 हजार रुपए का कमीशन दिया जा रहा है. इन ई-रिक्शा की कीमत बाजार में 90 हजार से एक लाख रुपए के बीच है.


क्या बोले डीपीआरओ मनोज त्यागी
पूरे मामले पर डीपीआरओ मनोज त्यागी ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है.टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी.अगर ई-रिक्शा रिक्शा खरीद में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की संलिप्तता पाई जाती है तो एफआईआर कराई जाएगी.इसके साथ ही अगर मानकों को दरकिनार कर अगर ई-रिक्शा रिक्शों का निर्माण किया जा रहा है तो फर्म के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


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