Amethi Crime News: अमेठी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बेनीपुर गांव में कल दिनांक 30 अगस्त 2024 की सुबह हिस्ट्रीशीटर और लगभग दर्जन भर दबंगों ने मिलकर विपक्षी के ऊपर घर में घुसकर हमला कर दिया. जिसमें कुल पांच लोग घायल हो गए. घायलों में कमाल शाह 60 वर्ष, मकसूद राना 20 वर्ष, मोहम्मद राना 15 वर्ष और कमाल की पत्नी सायरा बानो एवं बहू तराना बेगम प्रमुख रूप से है. मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम में सभी घायलों को एंबुलेंस की दो गाड़ियों में तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमेठी भेजा. 


प्राथमिक उपचार करने के बाद सभी घायलों को मलिक मोहम्मद जायसी संयुक्त जिला चिकित्सालय असैदापुर भेज दिया गया. इसके उपरांत जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए रायबरेली स्थित एम्स के लिए रेफर कर दिया. रायबरेली के एम्स में इलाज चल रहा था तभी देर रात घायलों की स्थिति खराब होने लगी. फिर एम्स से सभी घायलों को ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि लखनऊ ले जाते समय गंभीर रूप से घायल 20 वर्षीय मकसूद राना की मौत हो गई. 


घायलों का इलाज लखनऊ मेडिकल कॉलेज में चल रहा
इसके बाद मकसूद की लाश अमेठी जिला अस्पताल लाई गई और वहां से पंचायत नामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. शेष सभी घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में चल रहा है. इधर पुलिस ने घायल कमल शाह की बहू तराना बेगम की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में 14 लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया. जिसमें से अभी तक सिर्फ दो लोगों की गिरफ्तारी हो सकी है. जिसमें हकीमुद्दीन उर्फ बच्चा हिस्ट्रीशीटर और निजामुद्दीन हैं. इसके ऊपर गंभीर धारों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत है. शेष अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है. 


2014 में रूबिया बानो की हुई थी मौत
वर्ष 2014 में दबंग के इस परिवार ने एक दिन 18 वर्षीय रुबिया बानो और उसकी मां सायरा बानो पर हमला कर दिया. जिसमें घायल हुई सायरा बानो तो इलाज के बाद बच गई. लेकिन रुबिया बानो की मौत हो गई. इसके बाद परिवार वालों ने इन सभी को आरोपी बनाते हुए मुकदमा पंजीकृत करवाया. मुकदमा लगातार चलता रहा यह लोग लगातार मुकदमे में सुलह समझौता करने का दबाव बनाते रहे. लेकिन कमाल शाह का परिवार कभी झुकने को तैयार नहीं हुआ और सुलह समझौता नहीं किया. 


पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हुई घटना
पुलिस प्रशासन की मदद से भी कमाल शाह एवं उनके परिवार को तंग किया गया. लेकिन यह परिवार किसी भी विपरीत परिस्थिति से टूटा नहीं. मुकदमे में लगातार पेशी होती रही और सुनवाई होती रही. पुलिस प्रशासन नियम के मुताबिक जब यह परिवार पेशी के लिए जाता था तो सबसे पहले परिवार अमेठी कोतवाली पहुंचता था जहां पर सुरक्षाकर्मी के साथ यह अदालत तक पहुंचाने थे. यदि सुरक्षाकर्मी इस परिवार को घर से अदालत जाने के लिए मुहैया कराया जाता तो हो सकता है कल की घटना ना घटती.


सजा के डर से वारदात को दिया अंजाम
 30 अगस्त 2024 को 302 और 307 के मुकदमे में अंतिम बहस होनी थी. इसके बाद इन सभी को सजा मुकर्रर की जाती. पैसे की तारीख पर अदालत पहुंचने से पहले ही हिस्ट्रीशीटर हकीमुद्दीन उर्फ़ बच्चा एवं उनके पूरे परिवार ने एक साथ मिलकर कमाल शाह एवं उनके परिवार पर लाठी डंडे तथा धारदार हथियार से हमला कर दिया. इन लोगों ने सोचा कि यदि मुझे सजा हो ही जाएगी तो एक हत्या में भी वहीं सजा होगी और 10 हत्या में भी वहीं सजा होगी. इसलिए सजा होने से पहले इस तरह की घटना को अंजाम दे दिया.


(अमेठी से लोकेश त्रिपाठी)


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