Lok Sabha Election 2024: अमेठी विधानसभा के शुकुलपुर गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए हुए कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बचपन की यादें ताजा करते हुए बताया कि जब मैं आती थी तो यहां पर सारी जमीने सफेद दिखती थी जब पिताजी से पूछती थी तब वह बताते थे कि इसमें नमक बहुत है यह उसर है और उपजाऊ जमीन नहीं है. आज मैं आती हूं तो हर जगह हरियाली दिखती है. यह अपने आप नहीं हुआ यह मेरे पिताजी का काम था. यहां की सारी ऊसर जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए योजना बनवाई थी.
अमेठी में प्रियंका ने कहा कि यहां की सांसद जब 400 रुपए का सिलेंडर हुआ तो दिल्ली में सिलेंडर पर बैठकर मीडिया को बोली हम हड़ताल करेंगे. अब 1200 का हो गया तो चुप हो गई. महिला सशक्तिकरण की बात करते है. यह लोग लेकिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. जिसने अत्याचार किया है उसी की रक्षा हो रहा है. उन्नाव में नौजवान महिला के साथ अत्याचार हुआ और इन लोगों ने अत्याचारियो को बचाया. यही हाथरस में हुआ उस लड़की की चिता को रात में जला दिया गया मां-बाप उसे देख भी नहीं पाए. यही है मोदी जी की सरकार जिसमें आपकी सांसद हैं.
'बेरोजगारी और विकास पर कोई बात नहीं'
नौजवान बेरोजगार पड़े है. उनके लिए कोई योजना नहीं है केंद्र में 30 लाख पद खाली पड़े हैं. सरकार की यदि नियत सही होती है तो नीतियां भी सही होती है पिताजी की नियत सही थी यहां आते थे श्रद्धा से आप सब की देखभाल करते थे. तब जाकर विकास के बड़े-बड़े कार्य हुए. लखनऊ से जोड़ने वाली साड़ी सके कांग्रेस के समय में बनी है. बेरोजगारी और विकास के मुद्दो पर आज कोई बात नहीं करता.
'मोदी जी चमकने के लिए क्या लगाते हैं हमें भी बता दें'
मंच पर आते ही स्मृति ईरानी हमें और हमारे परिवार को गाली देना शुरू कर देती है. राजीव जी जैसे शहीद को देशद्रोही बताती हैं. मोदी जी तो उनसे भी बढ़कर हैं. यहां जनता रो रही है और मोदी जी बड़े-बड़े मंचों पर दिख रहे हैं. गाजे बाजे तामझाम और साफ सुथरे कुर्ते इतना साफ सुथरे चमक रहे हैं कि बहनों पता नहीं क्या लगते होंगे चमकने के लिए, हमें भी बता दें हम भी चमके.
प्रियंका ने पीएम मोदी और स्मृति ईरानी पर कसा तंज
प्रियंका ने कहा कि मेरे पिताजी जब प्रचार से आते थे तो उसके बाद मुझे रोना आता था. लोग उनके हाथों को देखते थे तो उसमें घाव होते थे. थके हुए लगते थे. कुर्ता भी मेल से भरा हुआ होता था. खुद घूमते थे और रात को गाड़ी में सोते थे. घर आते थे नहा धो के 2 घंटे में निकल जाते थे और आज आपके प्रधानमंत्री वाह वाह ! अरे कभी मंच से उतर कर जनता से नमस्ते तो कर ले. कभी एक बार खेत में जाकर पूछ तो ले की कैसे चल रहा है यहां पर काम? कैसे कमाई हो रही है. ये सब तमाम फिजूल की बातें करेंगे. लेकिन एक काम की बात नहीं करते हैं. आपकी सांसद को भी इन सबसे कोई मतलब नहीं है.
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