Amethi Raebareli Congress Candidate: अमेठी से रायबरेली तक... कांग्रेस ने बनाया सस्पेंस! कौन होगा उम्मीदवार? फैसले का इंतजार
Raebareli - Amethi Congress List Update: अमेठी और रायबरेली में शुक्रवार को नामांकन है लेकिन अभी तक कांग्रेस की ओर से लिस्ट जारी नहीं की गई है. इस बीच चर्चा में कई नाम तैर रहे हैं.
Raebareli - Amethi Congress List: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में गुरुवार देर रात तक कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार होता रहा. अब दावा है कि कांग्रेस शुक्रवार सुबह कभी भी सूची जारी कर सकती है. यूपी की सियासत में यह ऐसा रुका हुआ फैसला हो गया है जिसकी चर्चा चहुंओर हो रही है. भारतीय जनता पार्टी के खेमे में गुरुवार शाम को रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह के नाम का ऐलान कर दिया. कांग्रेस के विपक्षी खेमे में भी बेचैनी है कि आखिर गांधी परिवार का अंतिम फैसला क्या होगा?
आखिरी वक्त में आखिरी कार्ड ये कांग्रेस का अमेठी और रायबरेली को लेकर चला गया वो दांव है जिसे तय करने में उसके धुरंधर रणनीतिकारों की नहीं..बल्कि नेहरू-गांधी परिवार की सीधी भूमिका रही वरना कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की तरफ से तो पहले ही अनुरोध किया जा चुका था कि अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका मैदान में उतरें.
इंतजार की इंतेहा हो गई...
अमेठी में तो बीजेपी की स्मृति ईरानी पहले ही पर्चा भर चुकी हैं सस्पेंस रायबरेली को लेकर था. रायबरेली में उम्मीदवार तय करने वाले फैसले की कांग्रेसी पटकथा के हर चैप्टर पर बीजेपी की पैनी नजर थी लेकिन आखिरकार उसके इंतजार की इंतेहा हो गई. कांग्रेस की फैसले वाली फिल्म के क्लाइमेक्स तक पहुंचने से पहले ही उसने रायबरेली से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी.
बीजेपी ने रायबरेली के अपने पुराने चेहरे पर फिर दांव लगाया है. 2019 चुनाव में सोनिया गांधी को टक्कर देने वाले दिनेश प्रताप सिंह पर बीजेपी ने दांव लगाया है. दिनेश प्रताप सिंह 2019 के चुनाव में सोनिया गांधी से 1 लाख 67 हजार वोट के अंतर से हार गए थे। लेकिन 2014 के मुकाबले 2019 में बीजेपी के वोट में रायबरेली में बड़ा उछाल आया.
2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ दिनेश प्रताप सिंह को 3 लाख 67 हजार से ज्यादा वोट मिले . ये कुल वोट का 38.36 प्रतिशत था जो 2014 के मुकाबले 17.31 प्रतिशत ज्यादा था. इस बार बीजेपी को वोट में फिर ऐसे ही उछाल की उम्मीद है. अब सबकी नजरें 3 मई यानी शुक्रवार पर टिकी हैं जब नामांकन के आखिरी पलों में चुनावी रणनीति का रोमांच बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि नॉमिनेशन का अध्याय खत्म होने के बाद यहां प्रचार का तूफान शुरू हो जाएगा.