लखनऊ: अमेठी की जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा की 30 हजार रुपए घूस लेते विजिलेंस द्वारा गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जिला पंचायत राज अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद जिले के सभी ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबधित ज्ञापन एसडीएम को देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और साजिशकर्ताओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है.


श्रेया मिश्रा के बचाव में उतरे ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी संघ


अमेठी एसडीएम को ज्ञापन देकर पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारियों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है. विजिलेंस टीम द्वारा डीपीआरओ को गिरफ्तार करने के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी संघ उनके पक्ष में उतर आया है. दोनों संघ ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर डीपीआरओ को साजिश के तहत फंसाने के मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


सफाईकर्मी से घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुई थी DPRO श्रेया


बाजारशुकुल ब्लाक में कार्यरत सफाई कर्मी सुशील कुमार सिंह की शिकायत पर गुरुवार को विजिलेंस टीम ने विकास भवन से डीपीआरओ श्रेया मिश्रा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. डीपीआरओ की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को ग्राम पंचायत अधिकारी संघ व ग्राम विकास अधिकारी संघ के अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कार्रवाई के विरोध में उतर आई. शुक्रवार की दोपहर में ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष रजनीश भाष्कर व ग्राम विकास अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष सुभाष पांडेय के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारी डीएम कैंप कार्यालय पहुंच गए.


कर्मचारी नेताओं ने डीपीआरओ को ईमानदार बताते हुए सफाई कर्मी पर साजिश कर डीपीआरओ को फंसाने व बदनाम करने का आरोप लगाया है. संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम गौरीगंज संजीव कुमार मौर्य को देकर सफाई कर्मी पर पूर्व में कई बार धोखाखड़ी करने व चोरी करने के आरोप में विभागीय कार्रवाई होने की बात कहते हुए वेतन वृद्धि व भुगतान प्राप्त करने के लिए साजिश के तहत फर्जी कार्रवाई कराने की बात कही है. संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए साजिशकर्ता के खिलाफ कार्रवाई और डीपीआरओ को दोषमुक्त करते हुए केस बंद कराने की मांग की है.


DPRO श्रेया मिश्रा ने कहा


स्वास्थ्य परीक्षण कराने जिला अस्पताल पहुंची श्रेया मिश्रा ने बताया कि मेरे साथ बड़ी साजिश हुई और कहा कि जिले में तैनाती के कुछ समय बाद से ही कुछ लोग उनके खिलाफ साजिश में जुटे थे. इस साजिश में सफाई कर्मियों के साथ उनके कार्यालय के कुछ ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी भी शामिल थे जिनकी मनमानी नहीं चल पा रही थी. गुरुवार को भी जब एक कर्मचारी ने उनसे बताया कि सुशील उनसे मिलना चाहता है तो उन्होंने मना कर दिया. हालांकि बाद में अचानक सुशील उनके कमरे में चला आया और कार्यालय में घुसते ही सुशील मुठ्ठी में लिए कुछ नोट जबरन उनके हाथ पर रखने के बाद उनका पैर पकड़कर बैठ गया. इसी दौरान पहुंची विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.


गुरुवार को विजिलेंस लखनऊ की टीम ने श्रेया को किया था गिरफ्तार


लखनऊ से आई विजिलेंस की टीम ने विकास भवन में स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा को सफाईकर्मी से 30 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अमेठी कस्बे के एक निजी होटल में श्रेया को लेकर पहुंची. विजिलेंस टीम ने करीब पांच घंटे तक गहन पूछताछ की. देर शाम विजिलेंस की तरफ से गौरीगंज थाने में धारा 7, भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संसोधित अधिनियम 2018 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवाया गया. मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस की टीम श्रेया को लेकर उनके सरकारी आवास पहुंची और करीब 2 घंटे तक छानबीन की. आज सुबह जिला अस्पताल में श्रेया का मेडिकल परीक्षण कराया गया जिसके बाद विजिलेंस की टीम श्रेया को गोरखपुर के लिए रवाना हो गई जहां टीम ने उनको कोर्ट में पेश किया.


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