UP News: एक तरफ जहां बड़े-बड़े जंगलों को काट कर रिहायशी इमारतें बनाई जा रही हैं तो वही अमेठी (Amethi) में जंगल को संरक्षित करने के साथ ही पानी को भी संरक्षित करने के लिए वेटलैंड पार्क (Wetland Park) बनाया गया है. करीब 40 एकड़ में बने इस नेचर पार्क को नमामि गंगे योजना (Namami Gange Yojana) के तहत विकसित किया गया है. पार्क में बड़ी संख्या में विलुप्त हो रही प्रजाति के पेड़ों को भी लगाया गया है. लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस वेटलैंड पार्क का उद्घाटन कल सांसद और केंद्रीय महिला विकास एवं अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) करेंगी. जिसके बाद इसे पर्यटकों और सैलानियों के लिए खोल दिया जाएगा. इस पार्क में वयस्कों के लिए टिकट लगाया गया है जबकि बच्चों के लिए फ्री रहेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि ये पार्क अमेठी जिले का इकलौता वेटलैंड पार्क होगा.
पार्क में बना सेल्फी प्वाइंट
दरअसल अमेठी के मुसाफिरखाना स्थित लखन- वाराणसी राजमार्ग पर स्थित कादूनाला बड़ा जंगल था. जिसे नमामि गंगे योजना के तहत विकसित किया गया है. पर्यावरण के साथ ही जीव-जंतुओं को संरक्षित करने के लिये इस नेचर पार्क की स्थापना की गई है. इस पार्क में बरसात में पानी को संरक्षित करने के साथ ही विलुप्त हो रहे पेड़ों को संरक्षित किया गया है. नेचर प्रेमियों के लिए यहां फुट रैंप बनाये गए है और छोटे-छोटे नाले पर पुल बनाया गया है जो आकर्षण केंद्र है. सैलानियों के सुरक्षा के लिहाज से पार्क के दो छोरों पर वाच टावर भी बनाये गए है. इंट्री गेट के पास ही सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. दूर से आये सैलानियों के लिए यहां गेस्ट हाउस भी बनाया गया जिसमें वो अपने परिवार के साथ रात बिता सकते है. वेटलैंड पार्क में वाकिंग पाथ, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम,शोभदार पेड़,झूले,चेक डैम,झरना,कैंटीन,प्रसाधन समेत कई चीजें बनाई गई है.
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प्रहलाद की मां किया था यहां प्रवास
कादूनाला के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए राजीव गांधी ने 40 एकड़ में फैले कादुनाला परिसर में मृग वन के साथ भाले सुल्तान स्मारक की स्थापना कराई थी. स्थापना के बाद लोग यहां पर्यटन की दृष्टि से आते थे. लेकिन धीरे-धीरे उदासीनता और रख रखाव के अभाव में स्मारक और मृग वन समाप्त हो गया. दरअसल कादूनाला नाला का विशेष महत्व भी है. स्थानीय लोगों के अनुसार भाले सुल्तानियो और अंग्रेजी फ़ौज के बीच 1857 में यहां बहुत भयंकर युद्ध हुआ था. जिसमे अंग्रेज कादूनाला वन क्षेत्र के बीहड़ एवं दुर्गम भौगोलिक स्थिति को भांप नहीं पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पैराणिक किदवंती के अनुसार नारद मुनि की तपस्या से प्रभावित होकर प्रहलाद की मां और हिरण्यकश्यप की पत्नी कयाधु ने यहां प्रवास किया था. जिसके बाद इस इलाके का नाम कादूनाला हो गया.
जल संरक्षण के लिए बने कृत्रिम तालाब
वेटलैंड पार्क को विकसित करने को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी एमएन सिंह ने कहा कि कादूनाला जंगल के 391 हेक्टेयर वन क्षेत्र में से 40 हेक्टेयर क्षेत्र में वेटलैंड पार्क की स्थापना की गई है. पिछले दो सालों में विभाग द्वारा वेटलैंड संरक्षण और ईको पर्यटन स्थल की स्थापना की गई है. जो कादूनाला जंगल के बीच से होकर गोमती नदी में जाकर गिरता है. जल संरक्षण के लिए कृत्रिम तालाब भी बनाये गए है. जिससे की वन्य जीव आसानी से पानी पी सकेंगे. इस पूरे वेटलैंड पार्क को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया गया है. इसमें पर्यटकों को टहलने के लिए कच्ची और पक्की नेचर ट्रेल भी बनाई गई है. ये पहली बार हुआ है कि वन विभाग द्वारा इसे डेवलप किया गया है और ये अमेठी का इकलौता वेटलैंड पार्क होगा.
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