प्रयागराज, एबीपी गंगा। देश में एक तरफ कोरोना वायरस की दहशत के चलते लोगों को एक जगह पर इकट्ठा नहीं होने की सलाह दी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रयागराज में धरने पर बैठी बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं इससे बेपरवाह होकर अपने आंदोलन को जारी रखने की ज़िद पर अड़ी हुई हैं। दो महीने से ज़्यादा वक्त से धरने पर बैठी इन महिलाओं ने कोरोना के संक्रमण की दुहाई देकर की गई प्रशासन की अपील को भी ठुकरा दिया है और समझाने गए अफसरों को एक बार फ़िर से बैरंग वापस कर दिया है।
धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि CAA और प्रस्तावित NRC कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक है, इसलिए वह इनके पूरी तरह वापस नहीं होने तक अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगी और धरने को आगे भी जारी रखेंगी। प्रयागराज के रोशन बाग़ इलाके के मंसूर अली पार्क में बारह जनवरी से शुरू हुए इस धरने का आज सड़सठवां दिन है। कोरोना के खौफ से बेफिक्र होकर आज भी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं आंदोलन स्थल पर डटी हुई हैं और यहीं से केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि वह धरना स्थल मंसूर पार्क में खुद ही साफ़ -सफाई के पुख्ता इंतजाम कर रही हैं और एहतियातन अपने चेहरे को अपने नकाब व स्कार्फ से ढककर रखती हैं।
प्रशासन की तरफ से एडीएम सिटी एके कनौजिया और एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने मंसूर पार्क जाकर वहां धरने पर बैठी महिलाओं को कोरोना महामारी की भयावहता के बारे में बताकर उनसे आंदोलन ख़त्म करने और अपना जीवन सुरक्षित करने की सलाह दी, लेकिन आंदोलनकारी महिलाओं ने उनकी सलाह पर अमल करने से साफ़ इंकार करते हुए उन्हें वापस भेज दिया। प्रयागराज की मुस्लिम महिलाओं का यह धरना दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा है। चौबीसों घंटे चलने वाला यह धरना बारह जनवरी से शुरू हुआ है, जिसमे रोज़ाना बड़ी संख्या में बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं यहीं से केंद्र की सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए CAA और प्रस्तावित NRC को पूरी तरह ख़त्म किये जाने की मांग करती हैं। धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाओं का साफ़ एलान है कि जब तक CAA पूरी तरह वापस नहीं हो जाता, तब तक वह इसी तरह धरने पर बैठी रहेंगी और अपना आंदोलन कतई ख़त्म नहीं करेंगी।