राज्यसभा में दिल्ली दंगों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां दंगे होने की संभावना थी वहां भी गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस और सैन्य बलों को तैनात किया गया। सीएए को लेकर शाह ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक समाज में सीएए को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की गई। जबकि, सीएए को लेकर हम कई बार सफाई दे चुके हैं।


शाह ने कहा कि पूरे देश में CAA को लेकर मुसलमान भाइयों-बहनों के मन में एक भय बैठाया गया कि आपकी नागरिकता CAA से छीन ली जाएगी। ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, CAA नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है। अमित शाह ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर हमने कभी नहीं कहा कि यह प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं।





केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'मैं एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि एनपीआर के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। पूछी गई जानकारियां वैकल्पिक है। किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। इसमें कोई भी 'डी' (शंका) कैटेगरी नहीं है।' शाह ने कहा कि, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी ने 27 को कहा कि मिलिट्री बुला लीजिए। इसका कोई अर्थ नहीं था क्योंकि तब तक दंगे शांत हो चुके थे। पर उनके इमोशन को मैं समझ सकता हूं क्योंकि उनके पार्षद के घर से ढेर सारी चीजें पकड़ी गईं, उनको सस्पेंड करना पड़ा।'


अमित शाह ने कहा कि जब ये पूछा गया कि जिस वक्त दंगा हो रहा था तो आपने क्या किया गया? इसके साथ ही, कई तरह की आशंकाएं लोगों के मन में थीं। ऐसे में अब तक जो कार्रवाई हुई वह सदन में रखना चाहता हूं। इस केस में 700 एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। 2,647 गिरफ्तारी हुई हैं और वो सभी गिरफ्तारी साइंटिफिक तरीके से की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है। गृह मंत्री ने कहा कि दोषी चाहे किसी भी धर्म, जाति या पार्टी के हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।





गृह मंत्री ने साफ किया कि लोगों की पहचान के लिए ड्राईविंग लाइसेंस जैसी चीजों का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबर कुछ जगहों पर चलाई गई कि इसमें फेस की पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन यह गलत है। अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा के दौरान लोगों ने देशी हथियारों का इस्तेमाल किया है। ऐसे में इन सभी चीजों की जांच की जा रही है।


अमित शाह ने कहा कि जांबाज आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के हत्यारे को पकड़ कर उसे हिरासत में ले लिया गया है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि किसी के भी मन में यह शंका नहीं रहना चाहिए कि जो आरोप हम पर लग रहे हैं वो सही नहीं है, इसलिए सदन में जवाब दे रहा हूं।



अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह सबसे बड़ी सफलता है कि उसने दिल्ली के सिर्फ चार प्रतिशत हिस्से तक इस दंगा को सीमित रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं से भी ऐसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। उन्होंने कहा कि केवल 36 घंटे तक ही यह दंगा हुआ है। शाह ने कहा कि दोनों ओर से उकसावपूर्ण घटना के बाद इस दंगे को सिर्फ 36 घंटे में काबू पा लिया गया, जो दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी थी।





अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून के कारण शंका का वातावरण बनाया गया। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी, शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर आपत्ति नहीं थी। लेकिन रामलीला मैदान में रैली हुई और उसमें कहा गया कि आप घर से बाहर निकलिए। उसके बाद से हिंसा हुई।