अमित शाह ने लोकसभा में कहा, दिल्ली दंगे में आगजनी करने वालों की संपत्ति होगी जब्त
दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंसा में 52 भारतीयों की मौत हुई है। 526 भारतीय इस हिंसा में घायल हुए हैं। 300 से ज्यादा भारतीयों के घर जलाए गए हैं।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली दंगे को राजनीतिक दंग देने का प्रयास हुआ है और दंगे के दौरान आगजनी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। शाह ने कहा कि जिन लोगों की जान गई है उनके लिए दुख व्यक्त करता हूं।
दिल्ली हिंसा पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को सीएए के खिलाफ रामलीला मैदान में एक पार्टी की बड़ी रैली की गई। पार्टी अध्यक्ष ने अपने भाषण में कहा- घर से बाहर निकलो। यह आर-पार की लड़ाई का वक्त है। उन्होंने 9 फरवरी को वारिस पठान ने भाषण का हवाला देते कहा कि हम 25 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। क्या यह बयान भड़काऊ नहीं है? भड़काऊ बयान को वापस लेने से क्या होता है? सोशल मीडिया के दौर में भड़काऊ भाषण अपना असर दिखा देते हैं। दिल्ली में हिंसा को भड़काने के लिए बाहर से पैसे पहुंचाए गए हैं। हम इसकी तह तक जाएंगे और जो दोषी हैं उनको बाहर निकालेंगे।
Home Minister Amit Shah: We did not take the riots casually. Prima facie, I believe that the riots were pre-planned. I assured families of the riot victims that the culprits will not be spared no matter which religion, caste or political party they belong to. #Delhiviolence pic.twitter.com/fPykEqpF9n
— ANI (@ANI) March 11, 2020
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा में 52 भारतीयों की मौत हुई है। 526 भारतीय इस हिंसा में घायल हुए हैं। 300 से ज्यादा भारतीयों के घर जलाए गए हैं। 'मैं दंगों में हुए नुकसान का आंकड़ा तो दे सकता हूं लेकिन उसमें हिन्दू-मुसलमान नहीं कर सकता। आपको भी ऐसा नहीं करना चाहिए। दंगों में जिनका नुकसान हुआ वे सभी भारतीय हैं।'
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि देश में दंगों के दौरान मारे गए लोगों में से 76 प्रतिशत लोग कांग्रेस के शासन के दौरान मारे गए। आपको कोई हक नहीं है कि आप दंगों पर इस तरह की बात करें। आप लोग तो कहते हैं कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उन्होंने कहा कि विश्वास दिलाता हूं कि ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो किसी धर्म के हों या फिर किसी जाति के हों।
सीएए को लेकर एक बार फिर शाह ने कहा कि यह धर्म के आधार पर बना पहला कानून नहीं है। 25 कानून तो मैं आपको बता सकता हूं जो धर्म के आधार पर बने हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ आखिर क्या है? क्या यह धर्म के आधार पर बना कानून नहीं है? अगर सीएए में ऐसा कोई प्रावधान है तो मुझे दिखाइए। सीएए पर देश के अल्पसंख्यकों में भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके परिणाम में हिंसा जैसी चीजें सामने आती हैं। मैंने पहले भी कहा है और आज फिर कह रहा हूं कि सीएए में मुस्लिम तो क्या किसी की भी नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है।
Union Home Minister Amit Shah on Opposition's stand on the Citizenship Amendment Act: It is my constitutional responsibility to give answers. pic.twitter.com/6Hz7odLdhr
— ANI (@ANI) March 11, 2020
गृह मंत्री ने कहा कि 'मैं दिल्ली हिंसा पर बात करते हुए इसकी पृष्ठभूमि में जाना चाहूंगा। इस हिंसा के पीछे दिल्ली में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों की भी भूमिका रही है। दिल्ली हिंसा से जुड़े हर पहलू की जांच जारी है। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस हिंसा में शामिल किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा।
Home Minister Amit Shah: We did not take the riots casually. Prima facie, I believe that the riots were pre-planned. I assured families of the riot victims that the culprits will not be spared no matter which religion, caste or political party they belong to. #Delhiviolence pic.twitter.com/fPykEqpF9n
— ANI (@ANI) March 11, 2020
अमित शाह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 40 टीमें बनाई गईं। हिंसा के दौरान इस्तेमाल होने वाले करीब 50 हथियारों को भी जब्त किया गया है। जिन इलाकों में हिंसा हुई उसकी सीमा यूपी से लगती है। करीब 300 लोग यूपी से दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए जिससे साफ पता चलता है कि यह एक साजिश के तहत हुई। यूपी से जिन चेहरों की पहचान हुई है, उससे यह बात साबित भी होती है। दिल्ली हिंसा के मामले में अब तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। 2647 लोग गिरफ्तार किए गए या फिर हिरासत में लिए गए हैं।