Bollywood में बहुत सी ऐसी जोड़ियां रही हैं जिनके प्यार की मिसाल दी जाती हैं। इन्हीं में से एक जोड़ी है जया बच्चन और अमिताभ बच्चन की। दोनों की प्रेम कहानी और शादी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। दोनों ने साथ में जंजीर जैसी सुपरहिट फिल्म में काम किया और यहीं से दोनों एक-दूसरे को पंसद करने लगे।


फिल्म की सफलता के बाद अमिताभ के दोस्तों ने लंदन जाने का प्लॉन बनाया। जिसमें जया भी शामिल थी। वहां जाने के लिए जब अमिताभ अपने पिता हरिवंश राय बच्चन से अनुमति लेने पहुंचे तब उनके पिताजी ने पूछा कि 'तुम्हारे साथ और कौन-कौन जा रहा है।'जिसके बाद अमिताभ ने अपने सभी दोस्तों के नामों की लिस्ट उन्हें थमा दी।



पिताजी ने लिस्ट देखते ही पूछा तुम्हारे साथ जया भी जा ही है। इसपर अमिताभ ने जवाब में हामी भर दी। उसके बाद उनके पिताजी ने अमिताभ के सामने ये शर्त रख दी कि अगर तुम दोनों लंदन जाना चाहते हो तो पहले शादी करों, फिर वहां जाओ। उस वक्त बिग बी के मुंह से ओके निकल गया।


अमिताभ बच्चन ने बताया कि जब मेरी शादी जया जी से पक्की हुई थी तब मैं जेवीपीडी स्कीम सोसाइटी की सातवें नंबर की सड़क पर एक किराए के मकान में रहता था, जिसका नाम था 'मंगल'। हमारी शादी बिना किसी दिखावे और धूम-धड़ाके के बहुत ही सादगी से हुई थी क्योंकि हमें लंदन जाने की जल्दी थी। शादी में केवल दो परिवार ही इकट्‌ठा हुए थे। जिसके बाद हम दोनों लंदन के लिए रवाना हो गए। लंदन जाने का ये मौका मेरे लिए ही पहला नहीं था बल्कि जया भी पहली बार लंदन जा रही थीं।



जब अमिताभ बच्चन के पिताजी ने कहा कि शादी करके दोनों लंदन जाना तब उसी समय दोनों परिवारों और पंडित जी को इसके बारे में बताया गया। उसके अगले दिन बड़ी ही जल्दी-जल्दी में शादी के सारे इंतजाम किए गए। क्योंकि शादी वाली रात को ही उनकी लंदन की फ्लाइट की टिकट बुक हो चुकी थी।



फ्लाइट के टाइम से पहले शादी की सभी रस्में पूरी करनी थीं। हमने शादी की जगह मालाबार हिल तय की क्योंकि उस जगह जया की फ्रेंड्स रहती थीं। अमिताभ ने अपनी शादी पर पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनी और खुद ही गाड़ी चलाकर जाने लगे। ये देखकर मेरे ड्राइवर नागेश ने मुझे ड्राइविंग सीट से पकड़कर खींचा और कहा कि- शादी की जगह तक ये गाड़ी चलाकर मैं आपको लेकर वहां लेकर जाऊंगा। वो गाड़ी ही मेरे लिए घोड़ी बनी। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई जैसे ही शादी के लिए मालाबार रवाना होने लगे तभी अचानक बूंदाबांदी शुरू हो गई। ये देखकर हमारे पड़ोसी तेजी से मेरी तरफ दौड़ कर आए और बोले- बारिश होना बहुत अच्छा शगुन है, जल्दी जाओ। तब वहां से निकले और कुछ ही घंटों में हमारी शादी पूरी हो गए और हम बन गए मिस्टर एंड मिसेज बच्चन।