गाजीपुर: सामने आई नदी में लाशों के मिलने की सच्चाई, बिहार से जुड़ा है लिंक
गाजीपुर जिले के बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाके की लाशों को अंतिम संस्कार के लिए गाजीपुर के सीमावर्ती इलाकों के श्मशान घाट पर लाया जाता था. अधिकतर लोग जलाने के बजाय लाशों का जल प्रवाह कर दिया करते थे. अब जिला प्रशासन ने शवों को यूपी आने से रोक दिया है.
गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की सीमा बिहार से लगी हुई है. बिहार से लगी सीमा पर 3 से 4 दिन पहले गहमर इलाके में लगातार लाशों के मिलने का सिलसिला चालू हुआ था. जब प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि गाजीपुर जिले के बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाके मोहनिया, भभुआ, कैमूर समेत तमाम जिलों की लाशों को अंतिम संस्कार के लिए गाजीपुर के सीमावर्ती इलाकों के श्मशान घाट पर लाया जाता था. जिसमें अधिकतर लोग जलाने के बजाय लाशों का जल प्रवाह कर दिया करते थे.
शवों को किया जा रहा वापस
लाशों के जल प्रवाह की जानकारी होने पर गाजीपुर की सीमा जो बिहार को इलाकों से लगी हुई है वहां पर बैरियर लगाकर लाशों को रोक दिया गया. जिसके बाद से बिहार में हड़कंप मचा हुआ है. एबीपी गंगा की टीम मामले की पड़ताल करते हुए जमानिया तहसील के तलाशपुर गांव पहुंची. जहां जमानिया पुलिस बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर बिहार से आने वाले शवों को वापस करा रही थी.
कम हुआ शवों के आने का सिलसिला
स्थानीय लोगों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले दिन जब रोका गया था तब से अब तक करीब 50 से ऊपर शवों को वापस किया गया है. जिसके बाद बिहार में अन्य लोगों को इसकी जानकारी हुई. जिसकी वजह से अब 2 दिनों से लाशों के आने का सिलसिला कम हो गया है. लोगों ने बताया कि बिहार से आने वाली अधिकतर लाशों का परिजन जल प्रवाह किया करते थे जिसकी वजह से जिला प्रशासन ने शवों को रोकने का निर्णय लिया है.
यूपी में लाशों को आने से रोक दिया गया है
एबीपी गंगा की टीम मामले की पड़ताल करते हुए बिहार के दुर्गावती थाने के ककरैत चेक पोस्ट तक गई. इस दौरान दुर्गावती थाना के थानाध्यक्ष से भी बात हुई. उन्होंने अनऑफिशियल तौर पर इस बात को स्वीकार किया कि यूपी में लाशों को आने से रोक दिया गया है, जिसकी वजह से समस्याएं बढ़ गई हैं. लोग अब गाजीपुर जिला प्रशासन से बात कर रहे हैं.
बिहार से शव नहीं आ रहे हैं
जमानिया के दैत्रा वीर श्मशान घाट के व्यवस्थापक से बात की गई तो उसने बताया कि पहले बिहार से प्रतिदिन 25 से 30 शव आते थे. जिसमें से अधिकतर लोग शव को जल प्रवाह किया करते थे. लेकिन अब दो-तीन दिनों से बिहार से एक भी शव नहीं आ रहे हैं. इसकी निगरानी के लिए घाट पर पुलिस कर्मियों को भी लगाया गया है.
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