किसानों का हितैषी बताने वाले अखिलेश यादव की सरकार से सात गुना अधिक हुई गेहूं की खरीदः सूर्य प्रताप शाही
गोरखपुर में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि, हमारी सरकार ने गेहूं की रिकॉर्ड खरीद की है. उन्होंने इसकी तुलना अखिलेश सरकार से की. इसके अलावा उन्होंने कई मुद्दों पर खुल कर बात की.
गोरखपुर: गोरखपुर पहुंचे यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गोरखपुर के गेहूं खरीद की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि मोदी जी और योगी जी की सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है. सपा के शासन काल में 2016-17 में पूरे प्रदेश में सात लाख मीट्रिक टन की खरीदारी हुई थी. गोरखपुर में हमने 3 लाख मीट्रिक टन और प्रदेश में 49 लाख मीट्रिक टन की खरीदारी की है. यानी सपा सरकार के सात गुना अधिक खरीदारी हुई है. खुद को किसानों का हितैषी बताने वाले अखिलेश यादव की सरकार की तुलना में सात गुना अधिक खरीदारी की है.
55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य
सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 55 लाख मीट्रिक टन की खरीदारी का हम लक्ष्य लेकर चले थे. उस लक्ष्य को पूरा करने की स्थिति में हम हैं. 15 तारीख तक वो भी पूरा हो जाएगा. इससे अधिक खरीदारी करनी होगी, तो योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है. गोरखपुर मंडल में अब तक 3 लाख 4 हजार 641 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. जिसका 601 करोड़ रुपए देयता बनती है, जिसमें से 482 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. जिसमें से 70 हजार से अधिक किसानों की खरीद गोरखपुर मंडल में हुई है. गोरखपुर जनपद के भीतर अब तक 95 हजार 898 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई. 148 करोड़ 73 लाख 20 हजार 682 किसानों की खरीद किया जा चुका है. गतवर्ष की तुलना में ये दोगुने के करीब खरीद है.
23 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदारी हुई
गतवर्ष गोरखपुर में 10351 किसानों से 56 हजार 143 मीट्रिक टन की खरीद हुई थी. एक लाख मीट्रिक टन से अधिक गोरखपुर जनपद में पहुंच चुके हैं. तीन लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खरीदारी की जा चुकी है. यूपी में भी 9 जून तक 48 लाख 85 हजार 366 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की जा चुकी है. गतवर्ष 30 जून तक 33 लाख मीट्रिक टन और 11 जून तक 25 लाख 49 हजार मीट्रिक टन की खरीदारी हुई थी. जिसकी तुलना में 23 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा इस वर्ष खरीद की गई है. 9 हजार 648 करोड़ 69 लाख रुपए से अधिक कीमत की 10 लाख 84 हजार 681 किसानों की खरीद हुई. इसकी तेज गति से खरीदारी के लिए निर्देशित किया गया है. जितने भी किसान हैं, उनकी खरीदारी समय से कराने के लिए ढुलाई, लदान और उतरान भी शीघ्र करें.
रिकवरी रेट बढ़ा और मृत्यु दर का प्रतिशत घटा
वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी का प्रकोप बहुत तेज रहा. प्रदेश में भी दूसरी लहर का प्रकोप तेज था. 30 अप्रैल को 3 लाख 10 हजार से अधिक संक्रमित लोग यूपी में रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन की वजह से कुल एक्टिव केस सिमट कर 12 हजार 243 पर चले आए. पॉजिटिव की संख्या भी 600 के करीब चल रही है. जहां 30 हजार प्रतिदिन आ रहे थे, वहां उसे नियंत्रित करके सैकड़े में ला दिए हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यापक तौर पर बढ़ाया गया है. यूपी का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत से अधिक हो गया है. जहां दिल्ली और महराष्ट्र में मृत्यु दर 5 प्रतिशत से ऊपर है...उत्तर प्रदेश में वो घटकर 1.3 प्रतिशत के करीब है. वो लगतार मृत्यु के ऊपर भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से रोकथाम लगाई जा सकती है.
यूपी में 25 प्रतिशत लोगों की कोविड-19 जांच हुई
कोविड टेस्ट के लिए 714 प्रयोगशालाएं लैब काम कर रहे हैं. प्रतिदिन 2 लाख 80 हजार से लेकर 3 लाख लोगों की जांच कर रहे हैं. अब तक 23 करोड़ अबादी में 5 करोड़ 25 लाख 3 हजार 838 लोगों की जांच कराई जा चुकी है. यानी 25 प्रतिशत लोगों की जांच हुई. आरटीपीसीआर के द्वारा 2.5 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है. 2 करोड़ 15 लाख 68 हजार लोगों से ज्यादा का सरकारी लैब और 14 लाख 53 हजार की 196 लोगों का प्राइवेट लैब में हुई है. शेष एंटीजेन टेस्ट ट्रूनेट मशीन से हुआ है. टीकाकरण के दृष्टि से भी राज्य के भीतर व्यापक प्रबंध योगी आदित्यनाथ ने किए हैं.
तीसरी लहर को देखते हुए तैयार हो रहा 50 बेड का बच्चों का आईसीयू
प्रथम डोज टीकाकरण का 1 करोड़ 78 हजार 64 हजार लोगों का टीका लगाया जा चुका है. 37 लाख एक हजार 174 लोगों का टीकाकरण दूसरे डोज में किया जा चुका है. इस प्रकार दो करोड़ 15 लाख 65 हजार 323 लोगों का कुल डोज वैक्सीन के माध्यम से लोगों को दिया जा चुका है, जिसमें 18 से 45 वर्ष के आयु के लोगों को भी प्रथम डोज 37 लाख 20 हजार 278 लोगों को दी जा चुकी है. दूसरी डोज भी 95 हजार 102 दिया जा चुका है. तेज गति से 1 जून से ये कार्यक्रम शुरू हुआ. काफी व्यापक रूप से टीकाकरण किया जा रहा है. तीसरी लहर की तैयारी शुरू हो चुकी है. हर जनपद में 50 बेड का बच्चों का आईसीयू तैयार किया जा रहा है. हर जन प्रतिनिधि को एक-एक सीएचसी और पीएचसी को गोद लेने के निर्देश दिए हैं. सभी ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है.
तीन माह का गेहूं निःशुल्क दे रही सरकार
कोविड महामारी को देखते हुए राज्य के भीतर सभी कार्ड धारकों को एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा कार्ड धारक हैं. उसमें 14 करोड़ 80 लाख 47 हजार 32 यूनिट पड़ते हैं. प्रत्येक अंत्योदय और पात्र गृहस्थी धारक को निःशुल्क राशन जून, जुलाई और अगस्त माह में 24 हजार 552 मीट्रिक टन खाद्य का वितरण 20 किलो गेहूं और 15 करोड़ चावल 589 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है. अंत्योदय कार्ड हैं 3 करोड़ 18 लाख 51 हजार 420 हैं. पात्र गृहस्थी के कार्ड 40 लाख 94 हजार 500 हैं. इतनी बड़ी तादात में राशन वितरित होगा. 3 करोड़ 59 लाख से अधिक कार्ड हो जाएंगे. 14 करोड़ 80 लाख 47 हजार 32 यूनिट खाद्य हो जाएंगे.
खरीफ की फसल को पर्याप्त बीज और खाद का इंतजाम
राज्य में खरीफ की फसल को देखते हुए पर्याप्त बीज और फर्टिलाइजर का प्रबंध किया गया है. ये प्रयास हैं कि किसी भी प्रकार के बीज और खाद की किसानों को कमी न हो सके. राज्य में यूरिया 12 लाख 55 हजार मीट्रिक टन, डीएपी 3 लाख 60 हजार मीट्रिक टन, एनपीके 1 लाख 98 हजार मीट्रिक टन और पोटाश 91 हजार मीट्रिक टन है. जुलाई माह तक के लिए यूरिया पर्याप्त मात्रा में सरकार के पास है. किसानों को किसी भी प्रकार की कमी नहीं है. डीएपी की कीमतें वैश्विक बाजार में बढ़ जाने की वजह से 500 से बढ़ाकर 1200 रुपए बोरा सब्सिडी कर दी है. 2400 रुपए की डीएपी होने बावजूद किसानों को 1200 रुपए में दी जाएगी.
गेहूं के भंडारण की व्यवस्था को जिलाधिकारियों को निर्देश
किसानों को 14 हजार 775 करोड़ रुपए खुद सहन कर सब्सिडी को बढ़ा दिया है. जिससे किसानों पर बोझ न पड़े. दो जून तक गन्ना मूल्य के रूप में एक लाख 36 हजार 98 करोड़ 79 लाख का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. 14 मई को प्रधानमंत्रीजी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के इस वर्ष के प्रथम चौमास की पहली किस्त जारी किया. यूपी के दो करोड़ 61 लाख किसानों के खाते में 5 हजार 230 करोड़ रुपए पहुंचे. 24 फरवरी 2019 को पीएम मोदी जी ने इस योजन की गोरखपुर में घोषणा की थी. तबसे अब तक यूपी के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से 27 हजार 2 सौ 63 करोड़ रुपया किसानों के खाते में पहुंची है. एक वर्ष का गन्ना मूल्य सपा के सरकार में किसानों को मिलता था. उससे भी ज्यादा पैसा पीएम सम्मान निधि के माध्यम से पहुंचा है. किसानों का कल्याण योगी और मोदी जी की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. गोरखपुर में एक लाख मीट्रिक टन का भंडारण हो सकता है. जिलाधिकारियों को भी प्राइवेट सेक्टर के वेयर हाउस बनाकर उसमें गेहूं का भंडारण करें.
2022 में 2017 से बेहतर परिणाम होंगे, किसानों को मुआवजा मिला
यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि 2017 से भी बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा. बाढ़ की वजह से जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई थी, पिछली बार 17 करोड़ की धनराशि प्रधानमंत्री फसली बीमा योजना के अंतर्गत मिली है. पूरे प्रदेश के किसानों को मिली है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को वीसी के माध्यम से कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. महाराजगंज से कुशीनगर और अन्य बाढ़ग्रस्त जनपदों को भी बांधों के मरम्मत का काम जनवरी माह में ही धनराशि देकर पूरा करा दिया गया है.
सरकार जिसको सक्षम समझेगी वो दायित्व देगी
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मंत्री का दायित्व अलग-अलग समय पर मिलता है. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि किसी का कोई नुकसान नहीं होगा. दायित्व दिया जाना अलग की बात है. पार्टी, संगठन और सरकार जिसको ठीक समझेगी, उसे दायित्व देगी. इसमें कोई दिक्कत नहीं है.
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