Amrit Mahotsav Program in Gorakhpur: गोरखपुर में आजादी का अमृत महोत्‍सव के तहत विभिन्‍न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. हिन्‍दू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री इं. पीके मल्‍ल की ओर से कार्यक्रम का आयोजन मोहद्दीपुर गुरुद्वारा में किया गया. इस दौरान 85 वरिष्‍ठ नागरिकों को तिलक करने के बाद माला पहनाकर उनका सम्‍मान हुआ. इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रूप में आरएसएस के प्रांत संघ चालक गोरक्षप्रांत डा. पृथ्‍वीराज सिंह ने शिरकत की.


आरएसएस के प्रांत संघ चालक गोरक्षप्रांत डा. पृथ्‍वीराज सिंह ने कहा कि यहां पर वरिष्‍ठ नागरिकों का सम्‍मान कर अभीभूत हूं. उन्होंने स्‍वच्‍छ भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए स्‍वच्‍छ भारत स्‍वस्‍थ भारत अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्‍प लिया है. कार्यक्रम की अध्‍यक्षता कर रहे दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के प्राचीन इतिहास वि‍भाग और भारतीय इतिहास संकलन विभाग के पूर्व अध्‍यक्ष प्रो. शिवाजी सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय चेतना को जगाने में एक-दूसरे को जानने और एक-दूसरों के दुखों को समझने का ऐसे कार्यक्रमों के माध्‍यम से अवसर मिलता है. उन्‍होंने कहा कि महर्षि अरविंद ने भविष्‍यवाणी की थी कि भारत पुनः विश्‍व गुरु बनेगा.


प्रो. शिवाजी सिंह ने आगे कहा कि ये जो नई सोच है कार्ल मार्स्‍क और दीनदयाल उपाध्‍याय के विचारों में काफी समानता दिखाई देती है. मैंने उसके बारे में काफी पढ़ा है. पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को भारतीय संस्‍कृति प्राप्‍त नहीं थी, लेकिन उन्‍होंने डिस्‍कवरी ऑफ इंडिया में लिखा है कि वे जहां भी जाते हैं उन्‍हें भारतीय संस्‍कृति की झलक दिखाई देती थी. भारत कभी एक बड़े साम्राज्‍य का हिस्‍सा नहीं रहा है. मौर्य काल में छोटे-छोटे राज्‍य थे. भारत अफगानिस्‍तान भी भारत के अंदर था. यहां छोटे-छोटे रजवाड़े थे. यहां पर राजनीति का विघटन था.



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