अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में रहने वाले अकबरुद्दीन बेटियों को आत्मरक्षा के गुर पिछले 40 वर्षों से सिखा रहे हैं. ताइक्वांडो की प्रैक्टिस करा रहे हैं अकबरुद्दीन मुश्किल हालातों में बेटियों को खुद की रक्षा करना और हमलावर के छक्के छुड़ाने की ट्रिक बड़ी आसानी से सिखा देते हैं.


समाजसेवी डॉ सिराजुद्दीन ने की मदद
अकबरुद्दीन की जिंदगी का मकसद है कि वो बेटियों को खुद की सुरक्षा करने के मकसद से तैयार कर सकें. उनके लिए ये आसान नहीं है और ऐसे में अमरोहा के समाजसेवी डॉ सिराजुद्दीन हाशमी ने बेटियों को ताइक्वांडो सिखाने के लिए ग्राउंड की व्यवस्था की है. अकबरुद्दीन साल 1980 में शिलांग से ताइक्वांडो सीखने के बाद अमरोहा लौटे थे और तभी से बेटियों को आत्मनिर्भर बनने के काम को अंजाम दे रहे हैं.


बदल रही है सोच
हाशमी गर्ल्स इंटर कॉलेज में शाम होते ही बेटियां इसकी तैयारियों में जुट जाती हैं. अकबरुद्दीन का कहना है कि बेटियों को बेटों से कम नहीं समझना चाहिए. क्योंकि, बेटियां हर वो काम कर रही हैं जो बेटे कर सकते हैं. पहले बेटियों को कम समझा जाता था लेकिन अब लोगों की सोच बदल रही है. आज समाज में बेटियां भी अपना मुकाम खुद बना रही हैं. हर फील्ड में बेटियां अपना नाम रोशन कर रही हैं. जरूरत बस उन्हें थोड़ा समझने की है. हमें उन्हें ये एहसास नहीं कराना है कि वो किसी से कम हैं बल्कि, उनका हौसला बढ़ाना है. उसके बाद वो बेटों से भी आगे निकल जाएंगी.


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