UP News: अमरोहा की अदालत ने जिंदा जलाकर हत्या के जुर्म में बड़ी सुनाई है. छह साल बाद आए मुकदमे के फैसले पर पीड़ित पक्ष ने संतोष जताया है. जिला जज संजीव कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मां और चारों बेटों को उम्रकैद की सजा दी. अदालत ने दोषियों पर चालीस हजार का जुर्माना भी लगाया है. सरकारी वकील महावीर सिंह ने बताया कि पड़ोसियों जयपाल सिंह और अंगद सिंह के बीच संपत्ति का विवाद चल रहा था. 14 जून 2017 को अंगद सिंह की पत्नी पुष्पा चार बेटों समेत जबरन जयपाल सिंह के घर में घुस गई.


मां समेत चार बेटों को उम्रकैद की सजा


घटना वाली रात जयपाल सिंह का बेटा श्रीपाल सिंह घर में अकेले थे. चारों आरोपियों ने किरोसिन छिड़ककर श्रीपाल सिंह को आग के हवाले कर दिया. आग की चपेट में आकर श्रीपाल सिंह बुरी तरह झुलस गया. घटना की सूचना पर परिजनों ने श्रीपाल सिंह को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान बुरी तरह झुलसे किसान की मौत हो गई. पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने पुष्पा और चारों बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. महावीर सिंह के मुताबिक भूरा सिंह, कालिया, बब्लू सिंह और ओमपाल सिंह समेत मां पुष्पा को धारा 302 में आरोपी बनाया गया.


किसान की जिंदा जलाकर की थी हत्या


पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बाद में अदालत से पुष्पा समेत तीन बेटों को जमानत मिल गई. मुकदमा जिला जज संजीव कुमार की अदालत में विचाराधीन था. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सरकारी वकील महावीर सिंह कर रहे थे. अदालत में अभियोजन और बचाव पक्ष ने दलीलें रखी. सबूतों और दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने मां समेत चारों बेटों को हत्या का दोषी मान 53 वर्षीय पुष्पा और 25-35 वर्ष के बीच चारों बेटों को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने दोषियों पर चालीस हजार का जुर्माना भी लगाया. फैसला आने के बाद जमानत पर छूटे चारों दोषियों को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया. 


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