नई दिल्ली, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आठ सीटों पर आज यानी 18 अप्रैल को मतदान हो रहा है। इस दौर में नगीना, बुलंदशहर, आगरा और हाथरस सुरक्षित सीट हैं। इसके अलावा अमरोहा, अलीगढ़, मथुरा और फतेहपुर सीकरी सीट शामिल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी आठ सीटों को बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी। आज हम आपको बताते हैं अमरोहा लोकसभा सीट के बारे में पूरी जानकारी। इस पर मुख्य मुकाबला महागठबंधन और बीजेपी के बीच है।


अगर बात की जाए उम्मीदवारों की तो बसपा से कुंवर दानिश अली और बीजेपी के कंवर सिंह तंवर चुनावी मैदान में हैं। 2014 में बीजेपी ने अमरोहा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। मुस्लिमों के अलावा इस सीट पर जाटों का भी वर्चस्व है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए अमरोहा सीट पर कब्जा बनाए रखना आसान नहीं होगा। बीएसपी ने यहां से कुंवर दानिश अली को मैदान में उतारा है।


जानिए इस सीट का इतिहास

कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर शुरुआती तीन बार कांग्रेस और फिर लगातार दो बार सीपीआई ने जीत दर्ज की थी। 1977, 1980 में जनता पार्टी, 1984 में कांग्रेस और 1989 में एक बार फिर जनता दल ने यहां जीत दर्ज की। 1991, 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान सांसद चुने गए। समाजवादी पार्टी सिर्फ 1996 में यहां से चुनाव जीत पाई है। 1999 में बहुजन समाज पार्टी के राशिद अल्वी ने चुनाव जीता, 2004 में ये सीट निर्दलीय और 2009 में आरएलडी के खाते में गई।


समझिए इस सीट का सियासी समीकरण


अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख वोटर हैं, इनमें से 829446 वोटर पुरुष और 714796 महिला वोटर हैं। 2014 में यहां करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि 7779 वोट NOTA पर पड़े थे। इस सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक मात्रा में हैं, जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या भी 20 फीसदी से ऊपर है।
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें धनौरा, नौगावां सादत, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर भी शामिल है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ अमरोहा सीट ही समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी, जबकि अन्य सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा था।


2014 का चुनावी परिणाम


2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के कंवर सिंह तंवर जीत कर आए, उन्होंने समाजवादी पार्टी के हुमैरा अख्तर को करीब 1 लाख वोटों से मात दी थी। तीसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी को भी यहां करीब पंद्रह फीसदी वोट मिले थे।

कंवर सिंह तंवर- भारतीय जनता पार्टी- कुल वोट मिले 528,880- 48.3%
हुमैरा अख्तर- समाजवादी पार्टी- कुल वोट मिले 370,666- 33.8%
फरहत हसन- बहुजन समाज पार्टी- कुल वोट मिले 162,983- 14.9%


कौन हैं कंवर सिंह तंवर
कंवर सिंह तंवर देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक हैं। कंवर सिंह तंवर को महंगी गाड़ियां रखने का काफी शौक है। 2014 में तंवर पहली बार सांसद चुने गए थे। 2019 में भी बीजेपी ने कंवर सिंह तंवर को मैदान में उतारा है।