लखनऊ. करीब 12 साल पहले इश्क की खातिर पूरे परिवार की निर्मम तरीके से हत्या करने वाली शबनम ने फांसी से बचने के लिए राज्यपाल से गुहार लगाई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से दया याचिका खारिज होने के बाद शबनम ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास नई दया याचिका भेजी है.
रामपुर जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि गुरुवार को दो वकील शबनम से मिलने आए थे. इससे पहले शबनम के 12 वर्षीय बेटे ताज ने भी राष्ट्रपति से अपनी मां को माफी देने की गुहार लगाई थी. राज्यपाल के पास भेजी गई दया याचिका शबनम के लिए आखिरी विकल्प है.
वकीलों के समझाने पर मानी शबनम
दोनों वकीलों ने रामपुर की जेल में शबनम से मुलाकात की थी. वकीलों ने शबनम से बातचीत कर उसे नई दया याचिका लगाने का सुझाव दिया था. हालांकि शुरुआत में शबनम ने इससे इनकार कर दिया था, लेकिन बहुत देर तक समझाने पर वो मान गई. वकीलों ने करीब तीन घंटे तक शबनम को समझाया. आखिर में उसने दया याचिका की एप्लिकेशन पर साइन कर दिये.
12 साल पहले कर दी थी सात लोगों की हत्या
अमरोहा का बावनखेड़ी कांड करीब 12 साल पुराना है. 14 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता और 10 महीने के भतीजे समेत सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. शबनम और सलीम ने सभी को नशीला पदार्थ खिलाकर उनकी गर्दन कुल्हाड़ी से काट दी थी. बता दें कि शबनम का परिवार उसकी और सलीम की शादी के खिलाफ था. जिसके बाद सलीम और शबनम दोनों ने मिलकर पूरे परिवार को मार डाला. शबनम ने अपने पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम, भतीजे अर्श और फुफेरी बहन राबिया का कुल्हाड़ी से वार कर कत्ल कर दिया था.
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