Amroha News: पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ ही बिजनौर बैराज से 56,820 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद अमरोहा के गंगा खादर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा होने शुरू हो गए हैं. जिसके चलते खेतों में पानी भर गया है. ग्रामीणों को पशुओं का चारा लाने में परेशानी का सामना तो करना पड़ ही रहा है उससे ज्यादा फसल की चिंता भी सता रही है. साथ ही खेतों में लहरा रही फसलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, इस छोड़े गए पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. अमरोहा की धनोरा तहसील क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांव के  खेतों में पानी आ गया है. पानी आने के कारण फसलों का नुकसान होना शुरू हो गया है और हजारों बीघा फसल बर्बाद होने की कगार पर है.


गंगा का जलस्तर दस सेंटीमीटर बढ़ा
पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ ही बिजनौर बैराज से 56820 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर दस सेंटीमीटर बढ़ गया है. जिससे सोमवार को तिगरी में गंगा का जल स्तर 200.20 गेज मीटर हो गया जो रविवार को 200.10 गेज था. इसी के साथ अब खतरे का निशान 202.420 गेज मीटर है. क्षेत्र में बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तहसील मंडी धनौरा तहसील क्षेत्र के गांव रसूलपुर भांवर को जाने वाले मार्ग में पानी भर गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है. खेतों में पानी भर जाने के कारण चारे की किल्लत बढ़ गई है. महिलाएं पानी के बीच से गुजरते हुए जान जोखिम में डालकर पशुओं के लिए चारा ला रही हैं. 


लोग जान जोखिम में डाल कर चारा लाने को मजबूर
गंगा जल स्तर 24 घंटे में दस सेंटीमीटर बढ़ने से गंगा किनारे और निचले इलाकों के खेतों में पानी भर गया है. सबसे अधिक नुकसान चारे और सब्जी की फसलों को हो रहा है. ओसीता जगदेवपुर के ग्रामीणों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है. मुख्य मार्ग में बाढ़ का पानी भरने के कारण लोग जान जोखिम में डाल कर चारा लाने को मजबूर हैं. उधर लगातार बढ़ते जा रहे जलस्तर के कारण सतर्कता बढ़ा दी गई है. गंगा के जलस्तर में 24 घंटे में दस सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि गंगा खतरे के निशान से करीब दो मीटर दूर है.


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