अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बैंक खाता सीज, अब सामने आया AMU का पक्ष
AMU के पूर्व छात्र नेता फरहान जुबेरी का कहना है कि पहले तो समझने की बात बैंक खाता सीज क्यों किया गया है. खाता सीज इसलिए किया गया है कि एएमयू का जो टैक्स है वो जमा नहीं किया गया है.
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर नगर निगम का संपत्ति कर के मद में करीब 15 करोड़ रुपए बकाया है. ये बकाया राशि करीब आठ-नौ वर्ष पुरानी है और 31-03-2021 तक देय है. एएमयू की तरफ से किसी भी तरह का भुगतान न करने के बाद सोमवार को नगर निगम की टीम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट को सीज कर दिया था. इसके बाद अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन का भी पक्ष सामने आया है.
मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है एएमयू के प्रवक्ता शाफे किदवई का कहना है कि नगर निगम ने जो कार्रवाई की है वो पूरा मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और अलीगढ़ में जो कोर्ट है उसमें भी विचाराधीन है. जहां तक भुगतान का सवाल है 2006 से पहले तक जब अलीगढ़ नगरपालिका थी तब AMU के क्लासरूम, लाइब्रेरी इत्यादि पर किसी तरह का टैक्स नहीं था और हमें टैक्स में छूट मिलती थी. लेकिन यूनिवर्सिटी का जो रेजिडेंशियल एरिया है, जहां पर टीचर या नॉन टीचर रहते हैं उस पर जो टैक्स था नगर निगम का वो हम अभी तक दे रहे हैं. लेकिन जब नगर निगम ने ये कहा कि 2006 के बाद से आप को हर जगह पर टैक्स देना होगा. उसके बाद AMU ने उसके खिलाफ मुकदमा किया. हाई कोर्ट में मामला चल रहा है और अलीगढ़ में भी मामला चल रहा है.
शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को बताया है शाफे किदवई ने कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है. सुनवाई ठीक तरह से नहीं हो रही है. यूनिवर्सिटी इस पूरे मामले को देख रही है. AMU का नगर निगम पर नौ करोड़ 32 लाख बाकी है. नगर निगम के नलकूप जो यूनिवर्सिटी में हैं वहां जो बिजली सप्लाई हो रही है उसका भुगतान एएमयू कर रहा है. एएमयू ने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को पूरे मामले पर लिखा है ताकि उनको फंड दिया जाए, जिससे कि जो नगर निगम का भुगतान है उसको दिया जा सके. AMU का मेडिकल कॉलेज कोरोना मरीजों की सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इस समय यहां पर वैक्सीनेशन का ट्रायल भी चल रहा है अगर इस तरह की कोई क्राइसिस आती है तो उससे उस पर भी असर पड़ेगा.
सरकार को ध्यान देना चाहिए मामले पर AMU के पूर्व छात्र नेता फरहान जुबेरी का कहना है कि पहले तो समझने की बात यह है कि खाता सीज किया क्यों गया है. खाता सीज इसलिए किया गया है कि एएमयू का जो टैक्स है वो जमा नहीं किया गया है. जो हमारा पर्सनल घर होता है उस पर हम टैक्स देते हैं लेकिन जहां पर बच्चों का जीवन बनाया जाता है उस जगह पर बिल्डिंग टैक्स का क्या मतलब होता है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
सरकार से छूट मिलनी चाहिए फरहान जुबेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी AMU के प्रोग्राम में आते हैं और यहां की तारीफ करते हैं तो दूसरी तरफ सरकार को यह भी देखना चाहिए कि एएमयू के पास बिल्कुल फंड नहीं है और वो कर्जे में है. कर्ज को खत्म करना चाहिए और फंड को बहाल करना चाहिए और बढ़ाना चाहिए. मेरी सरकार से अपील है कि यह इंस्टिट्यूशन है जहां से बच्चे देश का नाम रोशन करते हैं तो इसमें सरकार से छूट मिलनी चाहिए.
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