अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JNMCH) को फार्मा कंपनी भारत बायोटेक की तरफ से एक प्रशंसा पत्र मिला है. कंपनी ने पत्र समय सीमा के अंदर अच्छी तरह से कोवैक्सिन के फेज 3 ट्रायल के तहत 1,000 वॉलंटियर्स के एनरोलमेंट और मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दिया है. यूनिवर्सिटी को भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला के बेटे डॉ. रैचस एला से प्रशंसा पत्र मिला है, जो फेज 3 ट्रायल्स का कोर्डिनेशन कर रहे हैं. पत्र में कुलपति, प्रोफेसर और उनकी टीम को "स्पीडली एनरोलमेंट और एक्जीक्यूशन" के लिए बधाई दी गई.


पत्र में कहा गया है कि जहां कई अन्य साइटें विफल रहीं, वहीं एएमयू की टीम ने समय सीमा में अपना काम पूरा किया. उन्होंने का कहा कि, इसकी प्रक्रिया नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी जब जेएनएमसीएच को आईसीएमआर से कोविड वैक्सीन ट्राइल साइट के रूप में चुने जाने का लेटर मिला था.


हम सबका प्रयास था


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने मेडिकल कॉलेज को भारत बायोटेक द्वारा प्रशंसा मिलने के बाद कहा कि. देखिए ऐसा है कि हमने हिंदुस्तान में जब कोवैक्सीन ट्रायल की शुरुआत हुई थी तब हमने भी कहा था कि हमारी संस्था को इसका ट्रायल मिले. इसमें आईसीएमआर ने भी हमारा सहयोग किया और भारत बायोटेक ने हमको ये दिया. सब लोगों की कोशिश से ट्रायल मिला. उसके बाद हमने 1000 वॉलिंटियर्स इसमें इंक्लूड किये. यह जो ट्रायल हो रहा है इसके अंदर double-blind क्लीनिकल ट्रॉयल है, जिसको लग रहा है उसको यही नहीं मालूम पड़ेगा कि किसको वैक्सीन लग रहा है या उसका सब्सीट्यूट है, और हम जो लगाने वाले हैं जो प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर है उनको भी नहीं पता कि किसको लगाया है.


ट्रायल बेहद महत्वपूर्ण था


हम लोग हिंदुस्तान में पहले इंस्टिट्यूशन थे जिन्होंने 1000 वॉलिंटियर पर सफलता पूर्वक इसका परीक्षण किया. यह थर्ड फेस ट्रायल है. यह बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे देश के लिए यह भारत बायोटेक की इंडियन वैक्सीन है. हम लोगों की सबकी यह जिम्मेदारी बनती है कि इसमें पूरी तरह से सहयोग करें और काम करें. और यह जो काम होता है वह टीम वर्क होता है. इसमें हमारी टीम है उसने पूरी मेहनत की है. भारत बायोटेक ने हमें एक लेटर भेजा है जिसमें उन्होंने हमारी प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि जहां पर और संस्थान काम नहीं कर पाए वहां पर एएमयू के मेडिकल कॉलेज ने वह काम कर दिखाया है.


एएमयू के पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि भारत बायोटेक की तरफ से हमको प्रशंसा पत्र मिला है. हमारे मेडिकल कॉलेज की टीम ने 1000 वॉलिंटियर्स पर फेस 3 का ट्रायल सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है.


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