AMU के प्रोफेसर का गजब का कारनामा, फर्जी तरीके से 20 बार की साथी प्रोफेसर की शिकायत, सच सामने आते ही मांगी माफी
UP News: यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक ही प्रोफेसर द्वारा 20 बार से ज्यादा झूठी शिकायतें दर्ज कराई गई. जिसका खुलासा कॉलेज के अन्य प्रोफेसर द्वारा किया गया है. प्रोफेसर ने मानी अपनी गलती.
Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जहां पहले छात्रों के गुट आपस में भिड़ा करते थे. वहीं अब प्रोफेसरों का आपस में भिड़ना एक आम बात हो गया है. बीते दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विभाग में ही दो प्रोफेसर के आपस में मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. जिसमें एक प्रोफेसर के द्वारा लिखित शिकायत के बाद पुलिस के द्वारा मुकदमा भी पंजीकृत कर लिया गया. अब उस मामले में जांच ही चल रही है, तो वही एक अजीबो गरीब मामला अभी सामने आया है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा दूसरे प्रोफेसर को लेकर 20 से ज्यादा बार शिकायत की है. कुछ शिकायत पत्र अलीगढ़ एसएसपी को डाक से भेजे गए हैं तो कुछ शिकायत पत्र अलग-अलग अधिकारियों को प्रेषित किए गए. जब एक ही मामले में 20 से ज्यादा बार शिकायत पहुंची तो पुलिस भी असमंजस में पड़ गई. दूसरे प्रोफेसर की शिकायत पर पूरे मामले में पुलिस के द्वारा जो सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो दूध का दूध पानी का पानी हो गया. इस दौरान पुलिस ने जांच में पाया की एक ही प्रोफेसर के द्वारा अलग-अलग नाम से कई शिकायत की है. जब पुलिस के द्वारा पूरे मामले में जांच की गई तो शिकायतकर्ता प्रोफेसर के द्वारा पहले पुलिस को असमंजस में रखा, लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी दिखाएं तो मामला उजागर हो गया. वहीं पूरे मामले की जानकारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन को दी गई. इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा प्रोफेसर को नोटिस देते हुए जल्द ही जवाब मांगा है.
विभाग के अन्य प्रोफेसर ने झूठी शिकायतें दर्ज कराई
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के केमिस्ट्री विभाग का है. जहां 16 नवंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विभाग के एक अन्य प्रोफेसर, रियाजुद्दीन, हिंदू और मुस्लिम छात्राओं के नाम पर कई झूठी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं. अब तक उन्होंने 20 से अधिक शिकायतें डाक के माध्यम से प्रशासन को भेजी हैं. रियाजुद्दीन द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर पर परीक्षा और पेपर से संबंधित अनियमितताओं के साथ-साथ धार्मिक मुद्दों को लेकर आरोप लगाए गए. इस संदर्भ में डॉ. खान ने एएमयू प्रशासन और पुलिस से संपर्क किया और पोस्ट ऑफिस की एक फुटेज बतौर सबूत जमा की. इसमें रियाजुद्दीन को शिकायतें पोस्ट करते और रसीद लेते हुए देखा जा सकता है.
पहले इनकार, फिर कबूलनामा
प्रोफेसर रियाजुद्दीन से पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने प्रारंभ में सभी आरोपों को खारिज कर दिया. उनका कहना था कि पोस्ट ऑफिस जाना सामान्य बात है, लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि उन्होंने कोई शिकायत डाली है. हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें डाकघर की फुटेज और समयानुसार रसीदें दिखाईं, तो उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया. इस कबूलनामे का ऑडियो-वीडियो सबूत एएमयू प्रशासन को सौंपा गया है.
अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा एएमयू
एएमयू के कुलसचिव इमरान खान ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन को अपना पक्ष रखने के लिए सात दिन का समय दिया है. यदि वे जवाब नहीं देते हैं, तो इसे उनकी चुप्पी माना जाएगा. यदि रियाजुद्दीन दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ यूजीसी के नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने एएमयू में शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह विवाद न केवल व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला प्रतीत होता है, बल्कि संस्थान की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. एएमयू प्रशासन इस मामले को निष्पक्ष तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहा है.
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